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बैंक से लेकर स्कूल तक, आपके शहर में रहेगा बंद का कितना असर, जानें 10 बड़े अपडेट्स

नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है. जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं.

बैंक से लेकर स्कूल तक, आपके शहर में रहेगा बंद का कितना असर, जानें 10 बड़े अपडेट्स
देशभर में भारत बंद का आह्वान
नई दिल्ली:

अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न संगठनों ने आज 'भारत बंद' बुलाया है. दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर भारत बंद का आह्वान किया है. बंद की पूर्व संध्या पर कई जगहों पर मशाल जुलूस भी निकाले गए. मशाल जुलूस में विभिन्न दलित संगठनों के लोग शामिल हुए. जुलूस में शामिल लोगों का कहना था कि आरक्षण में क्रिमीलेयर की व्यवस्था कर आपस में फूट डालने की कोशिश की जा रही है. भारत सरकार को इस दिशा में तुरंत पहल करनी चाहिए. बंद समर्थकों ने बताया कि 21 अगस्त को अतिआवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी को बंद के दायरे में रखा गया है. सभी लोगों से भारत बंद में सहयोग करने की अपील की.

किस मामले को लेकर बुलाया गया भारत बंद

नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स' (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं. संगठन ने हाल में उच्चतम न्यायालय की सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले के प्रति विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी. एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है. संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए.

संगठन ने हाल में उच्चतम न्यायालय की 7 न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले के प्रति विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी.

देश भर में क्या-क्या बंद रहेगा या खुला? यहां जानें

  1. दलित संगठनों ने एडवाइजरी जारी करके अपील की है कि मेडिकल सेवाओं, पुलिस और फायर सेवाओं को छोड़कर सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे तक सब कुछ बंद रखा जाएगा. हालांकि सरकारी दफ्तर, बैंक, पेट्रोल पंप , स्कूल और कॉलेज में सामान्य रूप से काम-काज जारी रहेगा. 
  2. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत बंद को लेकर राज्य सरकारों की तरफ से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं. लेकिन कुछ राज्यों में बंद का असर देखा जा सकता है. इसलिए पुलिस प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है.  
  3. संगठनों ने कहा है कि देश में कोई भी सार्वजनिक परिवहन नहीं चलेगा, लेकिन इसे लेकर कोई कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है. जिससे कुछ जगहों पर सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित जरूर हो सकती हैं. 
  4. इसके अलावा कुछ जगहों पर निजी दफ्तर बंद किए जा सकते हैं. राजस्थान में कक्षा 1 से 12 के सभी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है. वहीं फिलहाल परीक्षाएं भी टाल दी गई है. 
  5. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में भारत बंद को लेकर सभी दुकाने बंद है. परिवहन सेवा भी बंद रखी गई है और प्राइवेट स्कूलों में भी छुट्टी कर दी गई.
  6. दिल्ली में व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई ) चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि हमने बाजार एसोसिएशन्स से इस विषय पर चर्चा की और सभी का ये कहना है कि 21 अगस्त को भारत बंद को लेकर किसी ने भी व्यापारी संगठनों से ना ही संपर्क किया है और ना ही समर्थन मांगा है. इसलिए दिल्ली के सभी 700 बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे, इसके अलावा सभी 56 इंडस्ट्रियल एरिया भी खुले रहेंगे.

दिल्ली में भारत बंद का ज्यादा असर नहीं

भारत बंद का दिल्ली में ज्यादा असर नहीं दिख रहा है. व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई ) चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि हमने कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, खारी बावली, नया बाजार, चावड़ी बाजार, सदर बाजार,  करोल बाग, कमला नगर, कनोट प्लेस, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, आदि 100 से ज्यादा बाजारों के एसोसिएशन्स से मामले पर चर्चा की. उन सभी का कहना है कि भारत बंद को लेकर किसी ने भी व्यापारी संगठनों से न ही संपर्क किया है और ना ही समर्थन मांगा है. इसलिए दिल्ली के सभी 700 बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे, इसके अलावा सभी 56 इंडस्ट्रियल एरिया भी खुले रहेंगे.  

उत्तर प्रदेश में बंद का मिला-जुला असर

उत्तर प्रदेश में भी भारत बंद का मिला-जुला असल देखने को मिल रहा है. शहरी क्षेत्रों से अधिक ग्रामीण इलाकों में इसका प्रभाव रहने की उम्मीद की जा रही है. यूपी में भी एससी और एसटी के आरक्षण में उप वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद को कई दलों को समर्थन मिल रहा है. भारत बंद के समर्थन में मायावती की बहुजन समाज पार्टी और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी भी है. इसके अलावा स्वामी प्रसाद मौर्य की राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी ने भी भारत बंद का समर्थन किया है.

बिहार में भारत बंद का कितना असर

बंद समर्थकों ने बताया कि बिहार में अतिआवश्यक सेवा को छोड़कर सभी सेवा को बंद किया गया है. सड़कों पर चलने सभी वाहनों का परिचालन ठप है एवं सभी दुकान प्रतिष्ठान बंद है. हाइवे पर छोटे बड़े वाहनों की कतार लग गई है. जिससे आने जाने वालों लोगों को घोर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी सिपाही भर्ती परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों को हो रही है.  दूर दराज से आये अभ्यर्थी को खाने पीने से लेकर आने जाने में परेशानी हो रही है. बंद को लेकर कई अभ्यर्थी अपने परीक्षा केंद्र पर पैदल चलने को मजबूर हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर बनाने की अनुमति दी है. कोर्ट ने कहा है कि जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है, उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए. इस फैसले को लेकर देश मे व्यापक बहस छिड़ गई है. भारत बंद करने वाले समर्थक इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

मध्य प्रदेश में भारत बंद को बसपा और जयस का समर्थन 

ST SC आरक्षण को लेकर भारत बंद के आह्वान को मध्यप्रदेश में बसपा और जयस का समर्थन मिला है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बसपा के कार्यकर्ता मध्यप्रदेश में ज्ञापन सौंपेंगे. बसपा और जयस ने कार्यकर्ताओं को हिदायत दी है कि किसी उपद्रव तोड़फोड़ में शामिल नहीं होंगे. कार्यकर्ता राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपेंगे. ग्वालियर में भारत बंद को लेकर पुलिस के पुख़्ता इंतज़ाम देखे गए.

राजस्थान में भी दुकानें बंद, सड़कों पर पसरा सन्नाटा

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध और इसे पलटने की मांग को लेकर राजस्थान में भी भारत बंद का आह्वान किया. जयपुर में भारत बंद का असर दिख रहा है. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में और इसे वापस लेने की मांग को लेकर भारत बंद की घोषणा की है.

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में दुकानें बंद

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में भी भारत बंद का असर देखा जा रहा है. यहां पर बाजार बंद हैं, दुकानें बंद हैं. ट्रांसपोर्ट सर्विसेज भी बंद रहेंगी. प्राइवेट स्कूलों में भी छुट्टी घोषित की गई है. 

राजनीतिक पार्टियों ने किया बंद का समर्थन

बसपा, आरजेडी ने भारत बंद का समर्थन किया है. एक तरफ एनडीए के सहयोगी दल और चिराग पासवान की पार्टी ने भी बंद को समर्थन दिया है. वहीं दूसरी ओर जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी ने कहा है कि वह भारत बंद के खिलाफ हैं और इसका समर्थन नहीं करते हैं. जबकि बंद को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी मोहन लात रोत का भी समर्थन मिल रहा है. साथ ही कांग्रेस समेत कुछ और पार्टियों के नेता भी समर्थन में हैं.

आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है

सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था.सात जजों के पीठ ने ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश मामले में 2004 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया.अदालत ने कहा कि राज्य एसएसी-एसटी आरक्षण में सब कैटेगरी बना सकते हैं. इसके साथ ही अदालत ने अपने फैसले में एससी-एसटी आरक्षण में क्रीम लेयर का भी समर्थन किया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ दलित संगठन और दलितों की राजनीति करने वाले दल एकजुट हो रहे हैं.

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