
- CM भगवंत मान ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि जिस संकट से पंजाब गुजरा है, उसे कई पीढ़ियां याद रखेंगी.
- मान केंद्र पर भी जमकर बरसे और 1600 करोड़ रुपए की मदद को उन्होंने ऊंट के मुंह में जीरा बताया.
- उन्होंने पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा पर कहा कि स्वार्थी तत्व अफवाहें फैला रहे हैं.
पंजाब को बाढ़ के कारण भारी तबाही झेलनी पड़ी है. इसे लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एनडीटीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि जिस संकट से पंजाब गुजरा है, उसे कई पीढ़ियां याद रखेंगी. इस दौरान मान केंद्र पर भी जमकर बरसे और 1600 करोड़ रुपए की मदद को उन्होंने ऊंट के मुंह में जीरा बताया. साथ ही भाजपा के 12 हजार करोड़ रुपए एसडीआरएफ के फंड में होने, हरियाणा के साथ पानी को लेकर तल्खी और भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर भी अपनी बात रखी. साथ ही पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा पर भी भगवंत मान खुलकर बोले.
केंद्र ने पंजाब को तुरंत राहत के तौर पर 1600 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है. वहीं 12 हजार करोड़ रुपए एसडीआरएफ फंड में होने को लेकर रहे आरोपों पर भगवंत मान ने कहा कि एसडीआरएफ जब से बना है, मेरे पास में हर साल का डाटा है. उन्होंने बताया कि हमारे पास कुल 5012 करोड़ रुपए आए, उसमें से 3820 करोड़ रुपए खर्च हो गए. एसडीआरएफ फंड में 1200 करोड़ रुपए हैं, बीजेपी एक जीरो ज्यादा लगा रही है.
नेतृत्व परिवर्तन की फैला रहे अफवाह: भगवंत मान
साथ ही उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि उन्होंने हमारा आठ हजार रुपए रूरल डेवलपमेंट फंड का रोक रखा है, बिना वजह रोक रखा है, जो कि आमतौर पर यह गैर भाजपा सरकारों का यह रोकते हैं. 50 हजार करोड़ रुपए हमारा जीएसटी का पड़ा है, यही दे दें तो स्पेशल पैकेज देने की जरूरत नहीं है. हम यहां से सब चला लेंगे.
हम हक मांग रहे हैं, भीख नहीं: भगवंत मान
केंद्र के साथ रिश्तों को लेकर आम पंजाबियों के पिसने के सवाल पर मान ने कहा कि आपको पता नहीं होगा कि मध्य प्रदेश का राज्यपाल कौन है, गुजरात का राज्यपाल कौन है. राजस्थान का राज्यपाल कौन है. हमारे वाले राज्यपालों का आपको पता होगा कि स्टालिन को कौन तंग करता है, दीदी को कौन तंग कौन कर रहा है, भगवंत मान को तंग कर रहा है. ऐसे क्यों करते हैं, मुझे समझ नहीं आता है. पंजाब के लोगों के विचार इनके साथ नहीं मिलते हैं तो क्या पंजाब को देश से तोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि हमारे पैसे दे दो हम हक मांग रहे हैं, भीख नहीं मांग रहे हैं. तालिबान को पैसे दे सकते हो आप जो लूटने आते थे, वो पैसे एक मिनट में पहुंच जाते हैं.
क्रिकेट मैच को लेकर भगवंत मान का तंज
उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी इन्होंने जत्था रोक दिया. ननकाना साहब गुरुनानक जी का गुरपर्ब है. ननकाना साहब मत्था टेकने जाते हैं. अब नहीं जा सकते हैं, क्योंकि पाकिस्तान के साथ संबंध खराब है, लेकिन मैच हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैच खेल सकते हो, दिलजीत की फिल्म रोक सकते हो. फिल्म की पहलगाम की घटना से पहले की शूटिंग है. फिल्म की रिलीज डेट आगे हो सकती है. मैच आगे हो सकता है, लेकिन आस्था इंतजार नहीं कर सकती है.
बाढ़ लाखों सपने भी बहाकर ले गई: भगवंत मान
बाढ़ के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद बीमार थे. इसे लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मेरे दुख मेरी बीमारी या छोटा-मोटा मेरी सेहत का संकट पंजाबियों के संकट से बहुत छोटा है. जिस संकट से पंजाब गुजरा है, उसे कई पीढ़ियां याद रखेंगी."
ऐसे कई वीडियो सामने आए थे, जब भगवंत मान लोगों की पीड़ा सुनकर, उनके दर्द को महसूस कर खुद रो पड़े थे. इसे लेकर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बाढ़ में सिर्फ पानी ने कहर नहीं बरपाया बल्कि यह लाखों सपने भी बहाकर ले गई.
सीएम मान ने बताया कितना हुआ नुकसान
- 7 सात लाख लोग बेघर हो गए
- 20 लाख कुल प्रभावित हुए
- 2300 गांव बाढ़ से प्रभावित
- 56 लोगों की जानें चली गई
- 8500 सड़कें बाढ़ से टूट गई
- 3200 स्कूल खंडहर बन गए
- 19 कॉलेज मलबे में तब्दील हो गए
- 5 लाख एकड़ में फसल बर्बाद
- पशुओं का नुकसान अलग से
सीएम मान ने कहा कि 13,800 करोड़ रुपए के हमने प्रारंभिक नुकसान का आकलन किया है. उन्होंने कहा कि नुकसान का यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है.
मुख्यमंत्री ने बाढ़ के कारण पंजाब में हुई भीषण तबाही को लेकर कहा कि 14 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी आ गया. 1988 में 11 लाख क्यूसेक पानी आया था. इतिहास में इतना ज्यादा पानी नहीं आया.
हरियाणा के साथ तल्खी पर भी बोले भगवंत मान
बाढ़ के बाद लग रहे आरोपों को लेकर भी भगवंत मान ने बेबाकी से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हिमाचल पानी कैसे रोक सकता है, पानी तो आएगा ही. साथ ही कहा कि हरियाणा वालों के साथ पिछले दिनों जो 1 मई को तल्खी हुई थी वो 100 क्यूसेक पानी मांग रहे थे. उस वक्त तो हमारे पास इतना भी नहीं था. समान रूप से धान वहां भी बोया जाता है. हमें उनको जितना पानी देना होता है, देते हैं. वो 21 मई से 21 मई होता है... पानी का हिसाब-किताब 21 मई से 21 मई को होता है... हर महीने हम कहते थे कि आप थोड़ा ज्यादा पानी यूज कर रहे हो, आप 21 मई तक चल नहीं चला पाओगे. पानी थोड़ा संयम से यूज करो, नहीं मानी उन्होंने. अब हमारे पास भी उस वक्त पानी नहीं था. अब 100 क्यूसेक पानी के झगड़े को आप... कितना आया भाखड़ा में, डेढ़ लाख क्यूसेक पानी आया प्रति दिन. अभी भी 80 हजार क्यूसेक आ रहा है. यह दो लाख क्यूसेक, तीन लाख क्यूसेक तक भी चला गया था."
उन्होंने कहा कि पंजाब बहुत बार गिरा है तो बहुत बार उठा भी है. उन्होंने कहा कि पंजाबियों का जज्बा है, जिससे पंजाबी एक दम से एक दूसरे से हाथ मिलाकर के संकट को छोटा कर देते हैं. चैलेंज बड़ा है, बहुत बड़ा है, हम इससे निकलेंगे और मजबूत होकर निकलेंगे.
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