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कर्नाटक में डिजिटल अरेस्ट के डर से शख्‍स ने की खुदकुशी, 11 लाख लेने के बावजूद CBI अधिकारी बनकर परेशान कर रहे थे स्‍कैमर्स

इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस को भी शामिल किया गया है, जो इस 'डिजिटल अरेस्ट' धोखाधड़ी के पीछे के गिरोह का पता लगाने का प्रयास कर रही है.

कर्नाटक में डिजिटल अरेस्ट के डर से शख्‍स ने की खुदकुशी, 11 लाख लेने के बावजूद CBI अधिकारी बनकर परेशान कर रहे थे स्‍कैमर्स
  • बेंगलुरु में BESCOM में अनुबंध कर्मचारी कुमार ने साइबर धोखेबाजों से डिजिटल अरेस्ट की धमकी मिलने के बाद आत्महत्या कर ली.
  • धोखेबाजों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर कुमार से 11 लाख रुपये ठग लिए, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गए थे.
  • कुमार ने सुसाइड नोट में धोखाधड़ी की धमकी और स्वास्थ्य समस्याओं को अपनी आत्महत्या की मुख्य वजह बताया है.
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बेंगलुरु:

देश में डिजिटल अरेस्‍ट जैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. एक ऐसे ही फ्रॉड में फंसकर एक और जान चली गई. बेंगलुरु में BESCOM में कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने कथित तौर पर साइबर धोखेबाजों के प्रताड़ित किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली. इन धोखेबाजों ने खुद को CBI अधिकारी बताया और उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' करने का दावा किया था. कर्मचारी की पहचान कुमार के रूप में हुई है. ये हृदय विदारक घटना कर्नाटक के चन्नपटना तालुक के केलागेरे गांव की है. कुमार ने एक पेड़ से लटककर अपनी जान दे दी.  

डिजिटल अरेस्‍ट के डर से 11 लाख रुपये गंवाए 

कुमार, जो एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु में BESCOM में अनुबंध के आधार पर काम कर रहे थे, खुदकुशी करने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ गए. नोट में उन्‍होंने बताया कि उन्हें विक्रम गोस्वामी नाम के व्यक्ति ने सीबीआई के नाम पर धमकी दी थी. गोस्‍वामी ने दावा किया था कि वो कुमार को 'डिजिटल अरेस्ट' कर रहा है. 

इस डर के कारण, कुमार ने कथित तौर पर धोखेबाजों को 11 लाख रुपये हस्तांतरित कर दिए. उन्होंने नोट में यह भी उल्लेख किया कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उनकी आत्महत्या का एक और वजह है. 

गिरोह का पता लगाने में लगी है पुलिस 

एमके डोड्डी पुलिस ने चन्नपटना में एक मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है. ये घटना ऑनलाइन ठगी के बढ़ते खतरे और ऐसे अपराधों के बढ़ते प्रभावों की ओर ध्‍यान दिलाती है, जिसके लिए लगातार सरकार और पुलिस प्रशासन सतर्क करता रहता है. इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस को भी शामिल किया गया है, जो इस 'डिजिटल अरेस्ट' धोखाधड़ी के पीछे के गिरोह का पता लगाने का प्रयास कर रही है.

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