बेंगलुरू पुलिस ने सोमवार को पॉश इंदिरा नगर इलाके में चल रहे एक वेश्यालय पर छापा मारकर तीन लड़कियों को गिरफ्तार किया, लेकिन उनमें से एक को देखकर पुलिस भी हैरान है, क्योंकि उस लड़की को दो महीने से भी कम वक्त पहले अक्टूबर में इसी तरह के एक छापे के दौरान एक वेश्यालय से पकड़ा गया था, और वह एक महिला पुनर्वास केंद्र में भेज दी गई थी।
बेंगलुरू पुलिस के संयुक्त आयुक्त हेमंत निम्बालकर के मुताबिक, एक वेश्यालय में रेड के दौरान पकड़ी गई तीन में से एक लड़की वही है, जिसे अक्टूबर में एक अन्य वेश्यालय से पकड़ा गया था, इसलिए पुलिस ने महिला पुनर्वास केंद्र संचालित करने वाले महिला और बाल कल्याण विभाग से मामले की जांच करवाने का फैसला किया है, ताकि यह साफ हो सके कि पश्चिम बंगाल की रहने वाली यह लड़की किन हालात में दोबारा वेश्यालय तक पहुंची। दरअसल, पुलिस जानना चाह रही है कि क्या इस लड़की को किसी ने मजबूर किया, या इसने खुद ही किन्हीं हालात से मजबूर होकर यह राह दोबारा पकड़ी, या महिला पुनर्वास केंद्र में किसी ने इस पर दबाव डाला।
वैसे, पुलिस के अनुसार, इंदिरा नगर इलाके में चल रहे वेश्यालय को चलाने वाला कुमार उर्फ प्रवीण उर्फ संजय अभी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी से शहर में सक्रिय अंतरराज्यीय वेश्यावृत्ति गिरोह की कमर तोड़ना आसान हो जाएगा।
दरअसल, हाल ही में शहर के एक पॉश इलाके के वेश्यालय में रेड के दौरान पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक की कुछ लड़कियों को छुड़ाया गया था। क्राइम ब्रांच के मुताबिक इन दोनों वेश्यालयों में पकड़ी गई लडकियां चूंकि अलग-अलग राज्यों से लाई गई हैं, और इनमे से एक तो दो ही महीने के भीतर फिर वेश्यावृत्ति करती पकड़ी गई है, इसलिए साफ है कि यह गिरोह अंतरराज्यीय है, जो काफी कम समय में मोटी रकम के बदले दूसरे शहरों से लड़कियों की सप्लाई करता है।
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