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This Article is From Sep 06, 2022

Bengaluru Flooding: कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने जलभराव की स्थिति के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को ठहराया जिम्मेदार

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भारी बारिश की वजह से जलजमाव की स्थिति के मद्देनजर मंगलवार को स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी जबकि कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने का निर्देश दिया.

Bengaluru Flooding: कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने जलभराव की स्थिति के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को ठहराया जिम्मेदार
बेंगलुरु:

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भारी बारिश की वजह से जलजमाव की स्थिति के मद्देनजर मंगलवार को स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी जबकि कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने का निर्देश दिया. बेंगलुरु में भारी बारिश की वजह से सोमवार को आम जिंदगी पटरी से उतर गयी . शहर में और बारिश का पूर्वानुमान होने से समस्या के बढ़ने के आसार हैं. देश की आईटी राजधानी के नाम से प्रसिद्ध शहर में मंगलवार को जगह जगह दो पहिया वाहन चालकों को पानी से भरी सड़कों पर अपने वाहनों को धकेलते और पैदल यात्रियों को घुटनों तक पानी से गुजरते देखा गया.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को बेंगलुरु में जलभराव के लिए अप्रत्याशित बारिश और पिछली कांग्रेस सरकारों के “कुशासन” को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हर मुश्किल का सामना करते हुए शहर में बारिश से उपजी समस्याओं को दूर करने की चुनौती स्वीकार की है और यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि भविष्य में फिर ऐसी दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

पिछले कुछ दिनों से बेंगलुरु में हो रही बारिश के कारण बहुत से इलाके जलमग्न हैं और जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है. इस बीच, शहर के सिद्धपुरा में एक महिला की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई . बोम्मई ने कहा, “कर्नाटक, विशेष रूप से बेंगलुरु में पिछले 90 साल में ऐसी अप्रत्याशित बारिश नहीं हुई थी. सभी जलाश्य भर गए हैं और उनमें क्षमता से अधिक पानी है. लगातार बारिश हो रही है, हर दिन वर्षा हो रही है.”

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि ऐसी छवि बनाई जा रही है कि पूरे शहर में समस्या व्याप्त है जबकि ऐसा नहीं है. बोम्मई ने कहा, “वस्तुतः दो जोन में समस्या है, जिनके कुछ कारण हैं, विशेष रूप से महादेवपुरा में क्योंकि उस छोटे से क्षेत्र में 69 टैंक (तलाब) हैं और सभी भर गए हैं. दूसरा, सभी प्रतिष्ठान निचले इलाकों में हैं और तीसरा यह कि अतिक्रमण हुआ है.'' उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इसे चुनौती के रूप में लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी, इंजीनियर और राज्य आपदा मोचन बल के कर्मी 24 घंटे काम कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने वर्तमान समस्या के लिए पिछली कांग्रेस सरकारों के “कुशासन और अनियोजित प्रशासन” को जिम्मेदार ठहराया. बोम्मई ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी झीलों के प्रबंधन के बारे में नहीं सोचा. उन्होंने कहा, “मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया है. मैंने तूफान के पानी को निकालने के लिए नालियां बनाने के वास्ते डेढ़ हजार करोड़ रुपये दिए हैं. कल मैंने तीन सौ करोड़ रुपये जारी किये ताकि सभी अतिक्रमण हटाए जा सकें, पक्का ढांचा बनाया जा सके और पानी का बहाव अवरुद्ध न हो.”

उन्होंने कहा, “हमने बहुत सारे अतिक्रमण हटाए हैं और उन्हें हटाने का काम जारी रखेंगे. हम टैंकों में स्लुइस गेट लगा रहे हैं ताकि उनका बेहतर प्रबंधन किया जा सके. मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सातों दिन चले.” इस बीच, लोगों के लिए समस्या बनी हुई है और सड़क, गलियों और पॉश इलाकों में जलजमाव की स्थिति है. महंगी कारें और वाहन पानी में डूबे हैं और यहां तक कि आलीशान कोठियों के सामने भी यही मंजर दिखाई दे रहा है. स्कूली यूनिफॉर्म पहने एक छात्रा ने कहा, “मैं ट्रैक्टर से आई क्योंकि सड़कें पानी में डूबी हुई हैं. हमारे वाहन भी जलमग्न हैं. कल से मेरी परीक्षा है, इसलिए मुझे स्कूल जाना है.”

कार्यालय जाने वाले एक व्यक्ति ने कहा, “पानी निकला नहीं है क्योंकि बीती रात (सोमवार को) फिर से बारिश हुई. असल में मुझे लगता है कि पानी बढ़ गया है. मुझे कार्यालय जाना है, बच्चों को स्कूल जाना है और मैंने आज किसी तरह ट्रैक्टर का सहारा लिया. सरकार से अनुरोध है कि वह कुछ करें ताकि जनजीवन सामान्य हो सके.” बारिश और जलजमाव की वजह से कई स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी है और कुछ दिनों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है जबकि कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने की सलाह दी है.

आउटर रिंग रोड और सरजापुर रोड के ज्यादातर इलाके, जहां आईटी कंपनियों के कार्यालय हैं, वहां झील सा नजारा है और वहां यातायात प्रभावित हुआ है. लोगों को उनके गंतव्यों तक पहुंचने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेते हुए देखा गया. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के अनुसार, राज्य की राजधानी के कुछ क्षेत्रों में एक सितंबर से पांच सितंबर के बीच सामान्य से 150 प्रतिशत अधिक बारिश हुई. महादेवपुरा, बोम्मनहल्ली और के. आर. पुरम में 307 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई.

उन्होंने कहा, “पिछले 42 साल में हुई यह सबसे ज्यादा बारिश थी. बेंगलुरु के सभी 164 टैंक लबालब भरे हैं.” कई निजी स्कूलों ने अवकाश घोषित कर दिया है और कुछ दिनों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होंगी जबकि बहुत से कार्यालयों ने कर्मियों को घर से काम करने की अनुमति दी है. बेंगलुरु के सिद्धपुरा इलाके में बारिश के पानी से भरी सड़क से गुजर रही 23 वर्षीय एक युवती की कथित तौर पर करंट लगने से मौत हो गई.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना सोमवार रात को तब हुई जब पीड़िता अपनी स्कूटी से घर लौट रही थी. इस बीच, शहर में बाढ़ की स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए तेलंगाना के मंत्री के टी रामाराव ने ‘‘ शहरी योजना और शासन में साहसिक सुधार'' करने का आह्वान किया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमारे शहर राज्य/देश को विकास की ओर ले जाने के लिए प्राथमिक आर्थिक इंजन हैं और तेजी से शहरीकरण तथा अर्द्धशहरीकरण की वजह से ‘‘अवसंरचना धराशायी होने के कगार पर है क्योंकि हमने उन्हें सुधारने व अपग्रेड करने के लिए पर्याप्त पूंजी निवेश नहीं किया.''
 

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