कोलकाता / नई दिल्ली:
ममता बनर्जी और उनके वित्तमंत्री अमित मित्रा के साथ मंगलवार को राजधानी दिल्ली में धक्कामुक्की और बदसलूकी की घटना की पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नाराणयन ने कड़ी निंदा की है।
राज्यपाल ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा, "राष्ट्रीय राजधानी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और दूसरे मंत्रियों पर हुआ अफसोसनाक और पूर्वनियोजित हमला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर एक धब्बा है। इस वाकये की तीखे से तीखे शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। जो हमले के लिए ज़िम्मेदार हैं और जिन लोगों ने उन्हें उकसाया, वे एक लोकतांत्रिक चौखटे के भीतर काम करने का हक खो चुके हैं। लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री और उनके मंत्रियों पर हुआ इस तरह का हमला भारत के आधुनिक इतिहास में अपूर्व है और इतना गंभीर है कि इस पर सीपीएम के पोलित ब्यूरो को आम माफी मांगनी चाहिए। इस बीच, मैं तृणमूल के कार्यकर्ताओं और पश्चिम बंगाल के सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि वे शांति बनाए रखें और भावनाओं में न बहें।"
इधर, सीपीएम ने भी ममता और मित्रा पर हमले की निंदा की है। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि पार्टी इस घटना की जांच करेगी, लेकिन उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा राज्य भर में लेफ्ट पार्टियों के दफ्तरों पर हमलों की भी निंदा की है।
उल्लेखनीय है कि एसएफआई के एक कार्यकर्ता सुदीप्तो गुप्ता की मौत को लेकर वामपंथी दलों ने दिल्ली में मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसी दौरान, प्रदर्शनकारियों ने राज्य के वित्तमंत्री अमित मित्रा से हाथापाई भी की। हाथापाई के दौरान उनके कपड़े फट गए।
वाम संगठनों के प्रदर्शनकारियों का एक समूह आयोग के कार्यालय के बाहर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का इंतजार कर रहा था। मुख्यमंत्री जब मित्रा के साथ पौने चार बजे आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया से मिलने पहुंचीं, तो प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ नारे लगाए। ममता को पुलिस ने सलाह दी थी कि वह अपनी कार से बाहर नहीं निकलें और अंदर चली जाएं, लेकिन मुख्यमंत्री ने नारे लगा रहे एवं तख्तियां लहरा रहे प्रदर्शनकारियों के बीच से भवन के अंदर जाना पसंद किया।
एसएफआई और माकपा के सदस्यों ने 'ममता बनर्जी हाय-हाय, तृणमूल कांग्रेस हाय-हाय, हत्यारी ममता शर्म करो' के नारे लगाए। क्षुब्ध मुख्यमंत्री यह कहते हुए भवन के अंदर प्रवेश कर गईं कि यह असभ्य व्यवहार है। उन्होंने कहा, आपको मालूम है वे क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं। मेरे साथ 10 लाख लोग हैं। मैं उन्हें दिल्ली ला सकती हूं। वे पश्चिम बंगाल का विकास नहीं चाहते... बाद में ममता बनर्जी ने सेहत बिगड़ने का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के साथ अपनी मुलाकात रद्द कर दी थी। ममता ने बुधवार को पी चिदंबरम के साथ प्रस्तावित अपनी मुलाकात भी रद्द कर दी और कोलकाता लौटने का फैसला किया।
राज्यपाल ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा, "राष्ट्रीय राजधानी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और दूसरे मंत्रियों पर हुआ अफसोसनाक और पूर्वनियोजित हमला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर एक धब्बा है। इस वाकये की तीखे से तीखे शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। जो हमले के लिए ज़िम्मेदार हैं और जिन लोगों ने उन्हें उकसाया, वे एक लोकतांत्रिक चौखटे के भीतर काम करने का हक खो चुके हैं। लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री और उनके मंत्रियों पर हुआ इस तरह का हमला भारत के आधुनिक इतिहास में अपूर्व है और इतना गंभीर है कि इस पर सीपीएम के पोलित ब्यूरो को आम माफी मांगनी चाहिए। इस बीच, मैं तृणमूल के कार्यकर्ताओं और पश्चिम बंगाल के सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि वे शांति बनाए रखें और भावनाओं में न बहें।"
इधर, सीपीएम ने भी ममता और मित्रा पर हमले की निंदा की है। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि पार्टी इस घटना की जांच करेगी, लेकिन उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा राज्य भर में लेफ्ट पार्टियों के दफ्तरों पर हमलों की भी निंदा की है।
उल्लेखनीय है कि एसएफआई के एक कार्यकर्ता सुदीप्तो गुप्ता की मौत को लेकर वामपंथी दलों ने दिल्ली में मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसी दौरान, प्रदर्शनकारियों ने राज्य के वित्तमंत्री अमित मित्रा से हाथापाई भी की। हाथापाई के दौरान उनके कपड़े फट गए।
वाम संगठनों के प्रदर्शनकारियों का एक समूह आयोग के कार्यालय के बाहर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का इंतजार कर रहा था। मुख्यमंत्री जब मित्रा के साथ पौने चार बजे आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया से मिलने पहुंचीं, तो प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ नारे लगाए। ममता को पुलिस ने सलाह दी थी कि वह अपनी कार से बाहर नहीं निकलें और अंदर चली जाएं, लेकिन मुख्यमंत्री ने नारे लगा रहे एवं तख्तियां लहरा रहे प्रदर्शनकारियों के बीच से भवन के अंदर जाना पसंद किया।
एसएफआई और माकपा के सदस्यों ने 'ममता बनर्जी हाय-हाय, तृणमूल कांग्रेस हाय-हाय, हत्यारी ममता शर्म करो' के नारे लगाए। क्षुब्ध मुख्यमंत्री यह कहते हुए भवन के अंदर प्रवेश कर गईं कि यह असभ्य व्यवहार है। उन्होंने कहा, आपको मालूम है वे क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं। मेरे साथ 10 लाख लोग हैं। मैं उन्हें दिल्ली ला सकती हूं। वे पश्चिम बंगाल का विकास नहीं चाहते... बाद में ममता बनर्जी ने सेहत बिगड़ने का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के साथ अपनी मुलाकात रद्द कर दी थी। ममता ने बुधवार को पी चिदंबरम के साथ प्रस्तावित अपनी मुलाकात भी रद्द कर दी और कोलकाता लौटने का फैसला किया।
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