तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee), जो पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे भी हैं, बीजेपी के लक्ष्य के रूप में उभरे हैं क्योंकि इस युवा नेता को पार्टी के भावी नेता के रूप में तैयार किया गया है. हालांकि ममता बनर्जी यथावत पार्टी की प्रभारी रहेंगी, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वे सभी मानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में पार्टी में अभिषेक बनर्जी का कद और भूमिका बढ़ी है. दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर से सांसद 33 वर्षीय अभिषेक चुनावी अभियान में बीजेपी (BJP) के निशाने पर हैं.
बंगाल की अपनी पिछली दो यात्राओं में गृह मंत्री अमित शाह ने "बुआ-भतीजा" कहकर भाई-भतीजावाद को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि "मोदी सरकार गरीब कल्याण के लिए है, ममता सरकार भतीजा कल्याण के लिए है. वह (ममता बनर्जी) सोच रही हैं कि वह अपने भतीजे को मुख्यमंत्री कब बना सकती हैं. अगर दिलीप घोष ने यहां लड़ाई नहीं लड़ी होती तो उन्होंने अब तक घोषणा कर दी होती.”
गुरुवार को अमित शाह ने तृणमूल कांग्रेस पर हमला तेज किया. अभिषेक बनर्जी के लोकसभा क्षेत्र के करीबी काकद्वीप शहर में एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा, "तृणमूल कांग्रेस का केवल एक ही नारा है, भतीजा बचाओ, भतीजा कल्याण. टीएमसी के मन में किसी अन्य का कल्याण नहीं है. बंगाल के विकास के लिए, मोदी जी ने पैसा भेजा, लेकिन यह सारा पैसा दीदी के सिंडिकेट के लिए चला गया. पैसा कहां गया? यह भाईपो और उनके गुंडों के कल्याण के लिए चला गया था. यदि भाजपा सत्ता में आएगी तो हम जांच करेंगे और उचित कानूनी कार्रवाई के बाद उन लोगों को सलाखों के पीछे डाल देंगे. बंगाल के पैसे का इस्तेमाल किया गया है, भाजपा यह सुनिश्चित करेगी कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया जाए. '
कुछ ही समय बाद ममता बनर्जी ने भाजपा पर जवाबी हमला किया. उन्होंने कहा कि "वे केवल दीदी-भतीजा कहना जानते हैं. पहले भतीजे से लड़ें ... फिर दीदी से लड़ने के बारे में सोचें. अगर आप सभी दीदी-भतीजे को देख रहे हैं, तो मैं अमित शाह को चुनौती देती हूं कि वे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ें. और याद रखें आपका बेटा भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त नहीं है."
ममता बनर्जी ने अमित शाह पर हमला करते हुए कहा कि "आप अपने खुद के बेटे को छिपाते हैं और दूसरों को गाली देते हैं, यह स्वीकार्य नहीं है. मैं शिष्टाचार बनाए रखती हूं, लेकिन इसे मेरी कमजोरी के रूप में मत लीजिए. आप हर दिन भाईपो-भतीजा पर चले जाते हैं. आपका बेटा भी मेरा भतीजा है. वह क्रिकेट बॉडी का प्रमुख कैसे बना? उसने इतने करोड़ कैसे बनाए? क्या हमें इन चीजों के बारे में बात करनी चाहिए?"
तृणमूल कांग्रेस में अभिषेक बनर्जी का प्रभाव पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है. डायमंड हार्बर लोकसभा सीट के 2019 के संसदीय चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की. अब वे 2021 में तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक बन गए हैं.
साल 2019 के चुनाव में भाजपा के आश्चर्यचकित करने वाले प्रदर्शन के बाद चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को तृणमूल में लाने में अभिषेक बनर्जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पार्टी में ममता बनर्जी के अलावा वह एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो यात्रा करने के लिए एक हेलीकाप्टर का उपयोग करते हैं.
बीजेपी बार-बार अभिषेक बनर्जी को "तोलाबाज भाईपो" या "जबरन भतीजा" कहकर ताना मारती रही है. ममता बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी के लिए अपने प्लान की कोई घोषणा नहीं की है. अभिषेक की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ रही है और वह पार्टी के स्टार प्रचारक हैं. वह तृणमूल का युवा संगठन चलाते हैं, जो कि पार्टी की इकाई के समानांतर चलता है.
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