Bihar Assembly Election : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) ने अपनी टीम की घोषणा कर दी. इसमें सबसे चौंकाने वाला फैसला ताकतवर व बेहद प्रतिभाशाली महासचिव राम माधव को हटाना है. इसी तरह लंबे समय से संगठन में दक्षिण भारत का चेहरा बने मुरलीधर राव की भी महासचिव पद से छुट्टी कर दी गई. हरियाणा में दोबारा सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले डॉ. अनिल जैन को भी महासचिव पद से हटा दिया गया है.
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छत्तीसगढ़ में रमन सिंह से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाली सरोज पांडे भी महासचिव पद से मुक्त कर दी गई हैं. इनकी जगह ऐसे चेहरे लाए गए हैं जो चौंकाते हैं. मिसाल के तौर पर तरुण चुग. जो पंजाब से आते हैं और अभी तक राष्ट्रीय सचिव के पद पर काम कर रहे थे. कांग्रेस से बीजेपी में आईं एन टी रामाराव की बेटी डी पुरदेंश्वरी को महासचिव बनाया गया है.
याद नहीं आता है कि किसी अन्य पार्टी से आए नेता को बीजेपी में संगठन में इतनी अधिक ताकतवर पोस्ट इससे पहले कब दी गई हो. चेन्नई में जन्मीं पुरदेंश्वरी मनमोहन सिंह सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रही हैं. जाहिर है कि उन्हें आंध्र प्रदेश की नुमाइंदगी करने के लिए राम माधव की जगह दी गई है. दक्षिण भारत से ही सी टी रवि महासचिव बनाए गए हैं. 53 साल के रवि अभी कर्नाटक सरकार में संस्कृति, कन्नड़ और पर्यटन मामलों के मंत्री हैं.
इसके अलावा बीजेपी का दलित चेहरा बन चुके दुष्यंत कुमार गौतम को भी महासचिव बनाया गया है. उनका लगातार प्रमोशन हो रहा है. कुछ दिनों पहले ही उन्हें राज्य सभा भी भेजा गया था. एक और बड़ा प्रमोशन असम के दिलीप सैकिया का हुआ है. वे जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हैं. वो बूथ स्तर से उठ कर आए हैं. एक जमाने में वे प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को चाय पिलाया करते थे. वो असम बीजेपी के महासचिव रह चुके हैं. असम में अगले साल चुनाव भी है.
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नड्डा की नई टीम पर संगठन महासचिव बी एल संतोष की छाप साफ दिखाई दे रही है. केवल सी टी रवि ही नहीं, उनके एक अन्य करीबी माने जाने वाले केवल 29 साल के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें पूनम महाजन की जगह युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है. आपको याद दिला दें कि अनंत कुमार के निधन के बाद जहां उनकी पत्नी उनकी लोक सभा सीट बैंगलुरु दक्षिण से दावेदार थीं वहां संतोष के दखल के बाद उनकी जगह तेजस्वी सूर्या को टिकट दिया गया था.
राष्ट्रीय उपाध्यक्षों में भी कुछ नाम चौंकाते हैं, जैसे मुकुल रॉय. हालांकि उन्हें तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में आए लंबा अरसा हो चुका है. लेकिन उन्हें सरकार के बजाए संगठन में जिम्मेदारी मिली. पश्चिम बंगाल चुनाव में उनकी बड़ी भूमिका रहने वाली है. पुरंदेश्वरी की ही तरह वे भी यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. उमा भारती, प्रभात झा, विनय सहस्त्रबुद्धे, ओम माथुर, श्याम जाजू और अविनाश राय खन्ना उपाध्यक्ष पद से हटा दिए गए हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे उपाध्यक्ष बने रहेंगे.
बीजेपी ने 23 प्रवक्ताओं की भारी-भरकम फौज बनाई है. राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी इसकी अगुवाई करेंगे. इसमें पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ और पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रुडी को भी शामिल किया गया है. नए प्रवक्ताओं में तेजतर्रार सांसद अपराजिता सारंगी भी हैं और युवा दलित चेहरा गुरुप्रकाश भी.
नड्डा ने इस टीम का गठन करते समय ध्यान रखा है कि नए-पुराने चेहरों का सामंजस्य बना रहे. करीब-करीब सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है. लेकिन तमिलनाडु जैसा राज्य छूट गया है. यह हैरान करने वाली बात है. नड्डा ने नए लोगों को भरपूर मौका दिया है. यह आने वाले दो दशकों के लिए पार्टी को नेतृत्व देने वाली टीम है. नड्डा का साथ देने के लिए भूपेंद्र यादव और कैलाश विजयवर्गीय जैसे अनुभवी नेता टीम में हैं. यह भी कहा जा रहा है कि नडडा के टीम से छूटे कुछ लोगों को केंद्र सरकार में जगह मिल सकती है जहां मंत्रिपरिषद का विस्तार लंबे समय से अटका हुआ है.
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