18 मिनट के भावनात्मक संबोधन के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. पार्टी में चल रहे विद्रोह के बीच 8 दिनों के भीतर यह दूसरा मौका था जब उद्धव ठाकरे फेसबुक पर लाइव हुए थे. उन्होंने यह फैसला फ्लोर टेस्ट से पहले लिया जिसमें उनकी हार निश्चित दिख रही थी.गौरतलब है कि पिछले सोमवार की रात में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और 21 विधायकों के सूरत चले जाने के बाद उन्होंने लाइव आकर कहा था कि वो मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हैं. हालांकि उन्होंने उस समय पद नहीं छोड़ा था. लेकिन वो मुख्यमंत्री आवास छोड़कर चले गए थे.
61 वर्षीय उद्धव ठाकरे ने कहा कि अपनी ही पार्टी के लोगों के विद्रोह से वो आहत हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहेंगे कि उनकी आवाज कांप रही है यह कोरोनावायरस की वजह से है.उद्धव ठाकरे द्वारा आज दिए गए भाषण को अपनी जमीन बचाने की लड़ाई के तौर पर भी देखा जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘मैं शिवसैनिकों का साथ खड़ा रहने के लिए धन्यवाद व्यक्त करता हूं. जो शिवसेना की वजह से राजनीतिक रूप से बढ़े वे असंतुष्ट हैं जबकि जिन्हें कुछ नहीं मिला वे निष्ठावान हैं. (सरकारी आवास छोड़कर) 'मातोश्री' में आने के बाद कई लोग आ रहे हैं और कह रहे हैं कि आप लड़ो, हम आपके साथ हैं... हमने जिन्हें दिया, सब कुछ दिया, वे नाराज़ हैं, और जिन्हें नहीं दिया, वे आज साथ हैं. हम जो कुछ भी करते हैं, वह शिवसैनिकों, मराठी मानूस और हिन्दुत्व के लिए ही करते हैं.'
पिछली फेसबुक लाइव के बाद जिस तरह से ठाकरे वर्षा छोड़कर अपने घर वापस चले गए थे. ठीक उसी तरह बुधवार को भी उन्होंने लाइव आने के बाद इस्तीफा सौंपने के लिए राज्यपाल बीएस कोश्यारी के आवास पर गए. वापस जाते समय, ठाकरे एक मंदिर के पास रुके और इस दौरान मुंबई की बारिश से बेपरवाह समर्थकों के झुंड ने उन्हें फिर से घेर लिया.
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