
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
देश में बैंकिंग घोटाले पर राजनीति से लेकर आम आदमी के बीच तक चर्चा है. विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है और संसद की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न कर रहा है. सरकार जहां इस घोटाले से पल्ला झाड़ रही है और कांग्रेस की अगुवाई में बनी यूपीए की सरकार पर ठीकरा फोड़ रही है वहीं, विपक्ष बेरोकटोक जारी इस घोटाले के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
अब कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक खबर को साझा करते हुए ट्वीट किया है कि पीएनपी घोटाले पर वित्तमंत्री (अरुण जेटली) की चुप्पी से साफ है कि वे अपनी वकील बेटी को बचाना चाह रहे थे. इस ट्वीट में आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को आरोपी ने एक महीने पहले ही बड़ी रकम दी थी. यह रकम घोटाले के सार्वजनिक होने के एक महीने पहले ही दी गई थी. इस ट्वीट में यह भी पूछा गया है कि जब आरोपी से जुड़ी बाकी लॉ फर्म पर सीबीआई ने छापा मारा तब इस लॉ फर्म को क्यों छोड़ दिया गया. इस ट्वीट के साथ #ModiRobsIndia हैशटैग डाला गया है.
बता दें कि पीएनबी बैंक और अन्य बैंकों के अधिकारियों से मिलीभगत कर कुछ बड़े कारोबारियों ने नियमों की अनदेखी कर बैंकों से लोन लिया और उस पैसे को वापस नहीं किया. पीएनबी बैंक ने माना है कि कुछ लोगों की मिलीभगत से कुछ खातेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए ये घपला किया गया है. बैंक का ये भी कहना है कि इस लेनदेन के आधार पर ऐसा लगता है कि दूसरे बैंकों ने भी विदेश में भी इन ग्राहकों को एडवांस दिए हैं यानी दूसरे बैंकों पर भी इसका असर पड़ सकता है. इसका असर अभी तक यह हुआ है कि बैंकिंग सेक्टर से जुड़े शेयरों में गिरावट चली आ रही है.
उल्लेखनीय है कि पांच फरवरी को सीबीआई ने अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई और एक व्यापारिक भागीदार के खिलाफ वर्ष 2017 में पीएनबी के साथ 280.70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था.
पीएनबी की शिकायत पर सीबीआई ने मोदी, उनके भाई निशाल, पत्नी एमी और मेहुल चिनूभाई चौकसी ने बैंक अधिकारियों के साथ साजिश में बैंक के साथ धोखाधड़ी करने और उसके गलत तरीके से नुकसान पहुंचने का केस दर्ज किया गया है.
सीबीआई ने मोदी, उनके भाई निशाल, पत्नी एमी और मेहुल चीनूभाई चौकसी के आवास पर छापेमारी भी की थी. ये सभी डायमंड्स आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स में भागीदार हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुई 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के संबंध में नीरव मोदी एवं अन्य के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया है. यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने पीएनबी के 11,500 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज किया और कहा कि यह मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है.
चार बड़ी आभूषण कंपनियां गीतांजलि, गिन्नी, नक्षत्र और नीरव मोदी जांच के घेरे में हैं. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनकी विभिन्न बैंकों से सांठगाठ और धन के अंतिम इस्तेमाल की जांच कर रहे हैं.’’ इन कंपनियों से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है. वर्ष 2015 में बैंक आफ बड़ौदा में भी दिल्ली के दो कारोबारियों द्वारा 6,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था.
अब कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक खबर को साझा करते हुए ट्वीट किया है कि पीएनपी घोटाले पर वित्तमंत्री (अरुण जेटली) की चुप्पी से साफ है कि वे अपनी वकील बेटी को बचाना चाह रहे थे. इस ट्वीट में आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को आरोपी ने एक महीने पहले ही बड़ी रकम दी थी. यह रकम घोटाले के सार्वजनिक होने के एक महीने पहले ही दी गई थी. इस ट्वीट में यह भी पूछा गया है कि जब आरोपी से जुड़ी बाकी लॉ फर्म पर सीबीआई ने छापा मारा तब इस लॉ फर्म को क्यों छोड़ दिया गया. इस ट्वीट के साथ #ModiRobsIndia हैशटैग डाला गया है.
It's now revealed that our FM's silence on the PNB SCAM was to protect his lawyer daughter, who was paid a large retainer by the accused just a month before the SCAM became public. When other law firms of the accused have been raided by the CBI, why not hers? #ModiRobsIndia https://t.co/As9y9Dv0RZ
— Office of RG (@OfficeOfRG) March 12, 2018
बता दें कि पीएनबी बैंक और अन्य बैंकों के अधिकारियों से मिलीभगत कर कुछ बड़े कारोबारियों ने नियमों की अनदेखी कर बैंकों से लोन लिया और उस पैसे को वापस नहीं किया. पीएनबी बैंक ने माना है कि कुछ लोगों की मिलीभगत से कुछ खातेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए ये घपला किया गया है. बैंक का ये भी कहना है कि इस लेनदेन के आधार पर ऐसा लगता है कि दूसरे बैंकों ने भी विदेश में भी इन ग्राहकों को एडवांस दिए हैं यानी दूसरे बैंकों पर भी इसका असर पड़ सकता है. इसका असर अभी तक यह हुआ है कि बैंकिंग सेक्टर से जुड़े शेयरों में गिरावट चली आ रही है.
उल्लेखनीय है कि पांच फरवरी को सीबीआई ने अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई और एक व्यापारिक भागीदार के खिलाफ वर्ष 2017 में पीएनबी के साथ 280.70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था.
पीएनबी की शिकायत पर सीबीआई ने मोदी, उनके भाई निशाल, पत्नी एमी और मेहुल चिनूभाई चौकसी ने बैंक अधिकारियों के साथ साजिश में बैंक के साथ धोखाधड़ी करने और उसके गलत तरीके से नुकसान पहुंचने का केस दर्ज किया गया है.
सीबीआई ने मोदी, उनके भाई निशाल, पत्नी एमी और मेहुल चीनूभाई चौकसी के आवास पर छापेमारी भी की थी. ये सभी डायमंड्स आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स में भागीदार हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुई 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के संबंध में नीरव मोदी एवं अन्य के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया है. यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने पीएनबी के 11,500 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज किया और कहा कि यह मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है.
चार बड़ी आभूषण कंपनियां गीतांजलि, गिन्नी, नक्षत्र और नीरव मोदी जांच के घेरे में हैं. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनकी विभिन्न बैंकों से सांठगाठ और धन के अंतिम इस्तेमाल की जांच कर रहे हैं.’’ इन कंपनियों से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है. वर्ष 2015 में बैंक आफ बड़ौदा में भी दिल्ली के दो कारोबारियों द्वारा 6,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं