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This Article is From Jun 19, 2016

बैंक अपने देनदार के बचत खाते से भी लोन की वसूली कर सकता है : मद्रास हाईकोर्ट

बैंक अपने देनदार के बचत खाते से भी लोन की वसूली कर सकता है : मद्रास हाईकोर्ट
चेन्नई: बैंक के कई बार ताकीद करने पर भी अगर देनदार बकाया ऋण राशि का भुगतान नहीं करता तो बैंक उसके बचत खाते में से खुद ही उस राशि को वसूल कर सकता है। यह फैसला मद्रास उच्च न्यायालय का है जिसने तमिलनाडु विद्युत बोर्ड के एक पूर्व अधिकारी की एक याचिका को खारिज करते हुए सुनाया है। याचिकाकर्ता ने आग्रह किया था कि उनके कृषि ऋण को उनकी पेंशन राशि से वसूलने के बैंक के फैसले पर रोक लगाई जाए। अदालत ने पाया कि ऋण लेते समय उनके द्वारा दी गई सहमति के अनुरूप बैंक द्वारा उनके बचत खाते में से रकम वसूलना सही है।

बैंक विवश हो गया..
याचिकाकर्ता और उनके बेटे ने अक्तूबर 2012 में साझा रूप से 75,000 रूपए कृषि लोन लिया था जिसे 10 मासिक किश्तों में अप्रैल 2015 से वापस चुकाने पर सहमति बनी थी। न्यायाधीश ने कहा कि कई बार ताकीद कराने पर भी जब उन्होंने ऋण नहीं चुकाया तो यह एक वसूल न किए जा सकने वाला लोन बन गया। अनुबंध के मुताबिक बैंक इस तरह से लोन वसूलने की संभावना तलाशने को विवश हो गया। उन्होंने कहा कि यह याचिकाकर्ता और उसके बेटे की जिम्मेदारी है कि वे इस लोन की किश्तों का भुगतान करें और वे इस स्थिति से बच नहीं सकते।

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