अगरतला स्थित बांग्लादेश के राजनयिक मिशन में तोड़फोड़ की घटना को लेकर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया. साथ ही अगरतला स्थित सहायक उच्चायोग से अपनी वीजा और काउंसलर सेवाओं को बंद कर दिया है. हालांकि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ लगातार हमले हो रहे हैं और हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं आम हैं. बावजूद इसके भारत ने इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया है. बांग्लादेश की सरकार हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. साथ ही सरकार में मौजूद लोगों का तो यहां तक कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित हैं.
भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा करीब चार बजे बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय पहुंचे. सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संगठन (बीएसएस) ने कहा कि भारतीय उच्चायुक्त शाम चार बजे विदेश मंत्रालय में दाखिल हुए. बीएसएस ने कहा कि कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्ला ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया था.
वीजा और काउंसलर सेवाओं को किया बंद
बांग्लादेश ने अगरतला स्थित सहायक उच्चायोग से अपनी वीजा और कांसुलर सेवाओं को बंद कर दिया है. बांग्लादेश के आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि सुरक्षा कारणों से यह फैसला किया गया है. यह आदेश तत्काल लागू होगा.
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से बढ़ा तनाव
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 अगस्त को भारत आ गई थीं, जिसके बाद से ही दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव चल रहा है. जो पिछले सप्ताह हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के साथ ही यह तनाव और बढ़ गया है.
बांग्लादेश में आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किए जाने और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के विरोध में हजारों लोगों ने त्रिपुरा स्थित बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के आसपास एक विशाल रैली निकाली थी.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया खेदजनक
अगरतला स्थित बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के परिसर में कथित तौर पर 50 से अधिक प्रदर्शनकारी दाखिल हो गए, जिससे वहां मौजूद लोग घबरा गए.
प्रदर्शनकारियों कथित तौर पर घुस गए और कथित तौर पर तोड़फोड़ की थी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना को बहुत खेदजनक बताया है.
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