प्रतीकात्मक तस्वीर...
बेंगलुरू:
दक्षिण बेंगलुरू के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में सोमवार को नर्सरी में पढ़ने वाली चार साल की एक बच्ची के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है।
सोमवार को दक्षिण बेंगलुरू के एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ने वाली चार साल की बच्ची जब घर लौटी तो उसने पेट दर्द की शिकायत की। जब मां ने बच्ची की जांच की तो उसके गुप्तांगों पर खरोंच के कुछ निशान नजर आए।
बच्ची को तुरंत सेंट जॉन्स अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने बदसलूकी की पुष्टि की। इसकी जानकारी फ़ौरन पुलिस को दी गई। पीड़ित बच्ची के बयान के आधार पर स्कूल में पिछले 4 सालों से काम कर रहे करीब 26 वर्षीय फिजिकल ट्रेनर रोमियो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि स्कूलों को दोाबरा हिदायत दी गई है कि वो अपने कर्मचारियों के बैकग्राउंड की जांच करवाएं। परमेश्वर का कहना है कि जो लोग ऐसे घृणित वारदातों को अंजाम देते हैं, सरकार उनसे सख्ती से पेश आएगी। जिस स्कूल में चार साल की बच्ची के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है, उसने फिजिकल ट्रेनर रोमियो को नौकरी पर रखने से पहले उसका बैकग्राउंड चेक नहीं करवाया था। ऐसे में जल्द ही स्कूल के खिलाफ करवाई की जाएगी।
दरअसल, पिछले साल स्कूलों में बच्चियों के साथ बदसलूकी के आधा दर्जन मामले सामने आये थे। तब कई स्कूलों के मालिकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, क्योंकि इन लोगों ने या तो मामले को दबाने की कोशिश की थी या फिर निर्देश के बावजूद कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच नहीं करवाई थी।
पुलिस ने स्कूलों को साफ़ निर्देश दिया था कि वो स्कूल के अंदर और बाहर सीसीटीवी लगवाएं और सुरक्षा कर्मियों की तादाद बढ़ाने के साथ-साथ महिला शिक्षकों को तरजीह दें।
सोमवार को दक्षिण बेंगलुरू के एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ने वाली चार साल की बच्ची जब घर लौटी तो उसने पेट दर्द की शिकायत की। जब मां ने बच्ची की जांच की तो उसके गुप्तांगों पर खरोंच के कुछ निशान नजर आए।
बच्ची को तुरंत सेंट जॉन्स अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने बदसलूकी की पुष्टि की। इसकी जानकारी फ़ौरन पुलिस को दी गई। पीड़ित बच्ची के बयान के आधार पर स्कूल में पिछले 4 सालों से काम कर रहे करीब 26 वर्षीय फिजिकल ट्रेनर रोमियो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि स्कूलों को दोाबरा हिदायत दी गई है कि वो अपने कर्मचारियों के बैकग्राउंड की जांच करवाएं। परमेश्वर का कहना है कि जो लोग ऐसे घृणित वारदातों को अंजाम देते हैं, सरकार उनसे सख्ती से पेश आएगी। जिस स्कूल में चार साल की बच्ची के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है, उसने फिजिकल ट्रेनर रोमियो को नौकरी पर रखने से पहले उसका बैकग्राउंड चेक नहीं करवाया था। ऐसे में जल्द ही स्कूल के खिलाफ करवाई की जाएगी।
दरअसल, पिछले साल स्कूलों में बच्चियों के साथ बदसलूकी के आधा दर्जन मामले सामने आये थे। तब कई स्कूलों के मालिकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, क्योंकि इन लोगों ने या तो मामले को दबाने की कोशिश की थी या फिर निर्देश के बावजूद कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच नहीं करवाई थी।
पुलिस ने स्कूलों को साफ़ निर्देश दिया था कि वो स्कूल के अंदर और बाहर सीसीटीवी लगवाएं और सुरक्षा कर्मियों की तादाद बढ़ाने के साथ-साथ महिला शिक्षकों को तरजीह दें।
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