बालीगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों से उत्साहित मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का कहना है कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस का वही एकमात्र विकल्प है. बालीगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में माकपा का उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा था. माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के अप्रासंगिक हो जाने का विचार तेजी से लुप्त हो रहा है.
माकपा के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत सका था. लेकिन, राज्य में हाल के चुनावों के परिणामों में माकपा को आशा की एक झलक दिखाई दे रही है. माकपा के उम्मीदवार नगर पालिकाओं अथवा विधानसभाओं के लिए हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों को पछाड़ते हुए दूसरे स्थान पर रहे हैं.
सुजान चक्रवर्ती ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘एक विचार यह था कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में वामपंथी अप्रासंगिक हो गए हैं. लेकिन, लोग धीरे-धीरे महसूस कर रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में मौजूदा सत्तारूढ़ दल के शासन का वामपंथ ही एकमात्र विकल्प है.'' विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीतने वाली भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो विधानसभा में विपक्ष की भूमिका निभा रही है.
माकपा नेता ने कहा, ‘‘लोग महसूस कर रहे हैं कि वास्तविक अर्थों में रोजगार, कानून एवं व्यवस्था आदि के मुद्दों पर विपक्ष की भूमिका का क्या मतलब है. विपक्ष की भूमिका क्या होनी चाहिए, यह वामपंथियों ने ही सही तरीके से प्रदर्शित किया है.''सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य में नगरपालिका चुनाव और विधानसभा उपचुनाव सहित हालिया चुनावों के नतीजे इस बात का प्रमाण है कि वाम मोर्चा पश्चिम बंगाल की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता फिर से हासिल कर रहा है. पिछले साल दिसंबर में हुए कोलकाता नगर निगम चुनाव में वाम मोर्चा ने 65 वार्डों में जीत दर्ज कर दूसरा स्थान हासिल किया था. 144 वार्ड वाले निगम में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की थी.
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