समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को डूंगरपुर प्रकरण (Dungarpur case) के एक मुकदमे में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने गुरुवार को 10 साल की सजा सुनाई. गुरुवार को सुनवाई के दौरान सपा नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीतापुर जेल से जुड़े.
दरअसल, सपा नेता आजम खान के खिलाफ 2019 में डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी, मारपीट करने के मामले में विभिन्न धाराओं में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे. इनमें से तीन मुकदमों में फैसला आ चुका है. दो मामलों में सपा नेता बरी हो चुके हैं, जबकि एक मामले में उन्हें सात साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है.
घटना 2016 में हुई, मामला 2019 में दर्ज कराया गया
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि यह मामला 2019 में दर्ज हुआ था. जबकि, घटना 2016 की थी. वादी का आरोप था कि उनके घर में घुसकर जान से मारने की कोशिश और लूटपाट की गई. घर को जबरन खाली करवाया गया, बुलडोजर से घर तोड़ दिया गया. जज ने आजम खान को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.
इसके पहले तीन मामलों में फैसला आ चुका है, जिनमें से दो में आजम खान बरी हो चुके हैं, एक में सजा हो चुकी है. यह फैसला रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट के सेशन जज डॉ विजय कुमार ने सुनाया है. इस मामले में ठेकेदार बरकत अली और आजम खान आरोपी हैं.
आजम खान का नाम मामले की जांच के दौरान शामिल किया गया
डूंगरपुर निवासी अबरार हुसैन ने गंज थाने में 13 अगस्त, 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि तत्कालीन सीओ आले हसन, दरोगा फिरोज खान, ठेकेदार बरकत अली, सीएंडडीएस के जेई परवेज आलम 6 दिसंबर, 2016 की सुबह बस्ती में पहुंचे और उनसे मकान खाली करने को कहा. दरोगा फिरोज ने फायरिंग भी की थी. साथ ही उसकी वॉशिंग मशीन, सोना, चांदी और 5,000 रुपये लूटकर ले गए थे.
विवेचना के दौरान सपा नेता आजम खान का भी नाम शामिल किया गया था. इस मुकदमे में जानलेवा हमला और डकैती के भी आरोप लगे हैं.
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