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Ground Report : अयोध्या में 45 एकड़ में बनी 'टेंट सिटी', रह सकते हैं 12 हजार रामभक्त; जानें मिलेंगी कौन सी सुविधाएं?

Ayodhya Tent City: साधु-संतों और रामभक्तों के लिए अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल से सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर एक मिनी टेंट सिटी तैयार की जा रही है. ये टेंट सिटी 45 एकड़ के इलाके में फैली हुई है. इसमें करीब 12000 लोगों के रहने का इंतजाम किया जा रहा है.

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राम जन्मभूमि स्थल से सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर एक मिनी टेंट सिटी तैयार की जा रही है.

अयोध्या:

लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में भगवान राम (Ayodhya Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने जा रहा है. 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम राम मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Consecration) कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-विदेश से राम भक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं. ऐसे में उन्हें ठहराने के लिए राम की नगरी अयोध्या में भी टेंट सिटी (Ayodhya Tent City) बनाई जा रही है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) की पहल से तीर्थ क्षेत्र पुरम (Tirtha Kshetra Puram) यानी पुराना बाग बिजेसी में टेंट सिटी बसाई जा रही है. इसे छह नगरों में बांटा गया है. इन नगरों के नाम मंदिर आंदोलन में जीवन खपाने वाले महापुरुषों के नाम पर रखे गए हैं. बता दें कि अयोध्या से पहले वाराणसी (बनारस) और प्रयागराज (इलाहाबाद) में टेंट सिटी बनाई जा चुकी है. 

आइए जानते हैं कैसी है अयोध्या की टेंट सिटी और इसमें मिलेगी कौन-कौन सी सुविधाएं:-

कहां बन रही है टेंट सिटी?
4000 संतों और उनके शिष्यों के लिए अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल से सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर एक मिनी टेंट सिटी तैयार की जा रही है. ये टेंट सिटी 45 एकड़ एरिया में फैली हुई है. इसमें करीब 12000 लोगों के रहने का इंतजाम किया जा रहा है.

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महापुरुषों के नाम पर रखे गए नगरों के नाम
विश्व हिंदू परिषद (VHP) के केंद्रीय पदाधिकारी और तीर्थ क्षेत्र पुरम के प्रभारी कोटेश्वर ने बताया कि टेंट सिटी के नगरों के नाम परमहंस रामचंद्र दास, गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ, बाबा राम अभिलाष दास, वामदेव जी महाराज सहित वरिष्ठ पदाधिकारी रहे मोरोपंत पिंगले और ओंकार भावे के नाम पर रखे गए हैं. ये सभी संत राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े थे. वहीं, प्रशासनिक भवन क्षेत्र को अशोक सिंघल परिसर नाम दिया गया है.

टेंट सिटी में मिलेंगी ये सुविधाएं
-टेंट सिटी में संतों के लिए 1450 कमरे तैयार किए गए हैं. हर कमरे में 3 संतों को ठहराया जाएगा.
-करीब 300 गाड़ियों की पार्किंग के साथ ही चालकों को ठहराने का अलग इंतजाम है.
-अलग-अलग सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए मोबाइल टावर्स भी लगाए गए हैं. 
-टेंट सिटी के हर नगर में पानी की सप्लाई के लिए दो नलकूप के अलावा 3-3 हजार लीटर का वॉटर टैंक लगाया गया है. 
-प्रत्येक नगर के लिए 12 हजार लीटर पानी का इंतजाम किया गया है. पूरे परिसर तक आवाज पहुंचाने के लिए साउंड सिस्टम का इंतजाम है.
- सेंट्रल ट्रांसमिशन के अलावा हर नगर का अपना सूचना प्रसारण केंद्र होगा. 
-सूचना प्रसारण केंद्र के जरिए खाने-पीने के लिए साधु-संतों और राम भक्तों को बुलाया जाएगा. 
-टेंट सिटी के हर नगर में एक बड़ा भोजनालय होगा. सभी भोजनालय को एक संस्था चलाएगी. 6 भोजनालयों में 10000 से 12000 लोगों के खाने-पीने का इंतजाम होगा. 
-टेंट सिटी में एक डॉरमेट्री भी बनाई गई है, जिसमें करीब 5000 लोग रह सकेंगे.
 -टेंट सिटी में किताबों का एक स्टॉल भी लगाया जाएगा. यहां रामचरितमानस और आध्यात्मिक किताबें रखी जाएंगी.

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22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे होगी प्राण प्रतिष्ठा
राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर 13 जनवरी तक पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा. 22 जनवरी को भगवान श्रीराम अपनी भव्यता और दिव्यता के साथ मंदिर में विराजमान होंगे. 22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 6000 दिग्गज शामिल होंगे. इनमें 4000 संत भी शामिल हैं. 

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7 दिन तक चलेगा प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 7 दिन तक चलेगा. 
16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से नियुक्त किए गए यजमान प्रायश्चित समारोह की शुरुआत करेंगे. 
17 जनवरी को 5 साल के रामलला की मूर्ति के साथ एक काफिला अयोध्या पहुंचेगा. 
18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे.
19 जनवरी को पवित्र अग्नि जलाई जाएगी. नवग्रह की स्थापना और हवन किया जाएगा.
20 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और 'अन्नाधिवास' अनुष्ठान होगा.
21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा.
22 जनवरी की सुबह की पूजा के बाद दोपहर में 'मृगशिरा नक्षत्र' में रामलला के मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा.

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