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This Article is From Jan 02, 2024

कौन हैं अरुण योगीराज, जिनकी बनाई रामलला की मूर्ति राम मंदिर के गर्भगृह में होगी स्थापित

Ayodhya Ram mandir: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया X पर लिखा है कि ''जहां राम हैं, वहीं हनुमान हैं.'' अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन हो गया है. देश के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार हमारे गौरव योगीराज अरुण द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी.

अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति होगी राममंदिर के गर्भ गृह में स्थापित, केंद्रीय मंत्री ने किया कंफर्म

अयोध्या (Ayodhya) : राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का वक्त नजदीक आ गया है. राममंदिर के गर्भ गृह में स्थापित की जाने वाली प्रतिमा का चयन हो गया है. गर्भ गृह में मैसूर के अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) की बनाई 51 इंच की प्रतिमा गर्भ गृह में स्थापित की जाएगी. इसका आधिकारिक ऐलान 5 जनवरी को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय करेंगे. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ये दावा किया है. शोभा करंदलाजे और प्रताप सिम्हा ने भी इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया में दी. प्रतिमा बनाने का काम तीन मूर्तिकारों को दिया गया था. ये तीनों मूर्तिकार अलग-अलग जगहों पर प्रतिमा का निर्माण कर रहे थे. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया X पर लिखा है कि ''जहां राम हैं, वहीं हनुमान हैं.'' अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन हो गया है. देश के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार हमारे गौरव योगीराज अरुण द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी. यह राम-हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए यह एक महत्वपूर्ण सेवा है. 

अरुणराज योगीराज की पत्नी बोलीं- समझ नहीं आ रहा कैसे प्रतिक्रिया दूं
इस पर अरुणराज की पत्नी विजयतरुणी ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं इस पर कैसे प्रतिक्रिया दूं. मुझे अपने पति से किसी तरह की जानकारी नहीं मिली. उन्हें भी इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. मेरे पति इस खबर के ऐलान का आधिकारिक ऐलान का इंतजार कर रहे हैं.


जानें कौन हैं अरुण योगीराज

  1. अरुण योगीराज कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं
  2. उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से MBA किया है
  3. वे सुप्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज के बेटे हैं
  4. उनका पांच पीढ़ियों से मूर्ति बनाने का काम है.
  5. उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की 30 फ़ीट ऊंची प्रतिमा बनाई है
  6. नेताजी की ये प्रतिमा अमर जवान ज्योति पर मौजूद है.
  7.  केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा बनाई है
  8. आदि शंकराचार्य की ये प्रतिमा 12 फ़ीट ऊंची है 
  9. उन्होंने रामकृष्ण परमहंस की प्रतिमा का भी निर्माण किया था


राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जानकारी देने के लिए आज से घर-घर अक्षत निमंत्रण देने का काम शुरू
उधर, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जानकारी देने के लिए आज से घर-घर अक्षत निमंत्रण देने का काम शुरू हुआ है. ये अभियान VHP ने पूरे देशभर में शुरू किया. महाराष्ट्र में भी “सबके राम” से इस अभियान की शुरुआत हुई. ये अभियान अगले 15 दिन तक चलेगा. क्या आम और क्या खास हर समाज को निमंत्रण दिया जा रहा है. बता दें कि पीएम मोदी ने भी कुछ दिनों पहले लोगों से अपील की थी कि वे 22 जनवरी को राम मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के दिन दीपावली के रूप में अपने घरों में विशेष दीये जलाएं.

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