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This Article is From Dec 28, 2023

हैदराबाद में कैसे बनाए जा रहे अयोध्या राम मंदिर के दरवाजे? जानें डिजाइन से लेकर चित्रकारी तक सबकुछ

अयोध्या राम मंदिर के लिए दरवाजे (Ayodhya Ram Mandir Doors) बनाने का काम तमिलनाडु के कारीगर कर रहे हैं.वह इन दरवाजों को नागर शैली में डिजाइन कर रहे हैं, जिसमें कमल, मोर और अन्य पक्षियों के पारंपरिक भारतीय चित्रकला को प्रदर्शित किया जा रहा है.

हैदराबाद की कंपनी बना रही अयोध्या में राम मंदिर के दरवाजे.

नई दिल्ली:

हैदराबाद: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होना है, जिसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. राम मंदिर के लिए दरवाजे हैदराबाद (Ayodhya Ram Mandir Doors) की एक कंपनी बना रही है. मुख्य मंदिर और गर्भगृह के साथ ही आसपास की संरचनाओं में 17 दरवाजों पर यह कंपनी काम कर रही है. इन दरवाजों को पवित्र करने का काम भी जनवरी में ही होगा. 22 जनवरी को होने वाले भव्य उद्घाटन को देखते हुए कार्य तेजी से समाप्त किया जा रहा है. मंजिल की पहली मंजिल का ज्यादातर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, अब सिर्फ सजावट का काम बचा है, जिसमें बाकी समय लग सकता है. 

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गर्भगृह के दरवाजे 8 फीट ऊंचे, 12 फीट चौड़े

हैदराबाद की कंपनी अनुराधा टिंबर्स इंटरनेशनल के डायरेक्टर सरथ बाबू ने एक खास इंटरव्यू में एनडीटीवी को बताया कि वह गर्भगृह जिसमें 5 साल के नन्हें रामलला की मूर्ति विराजमान होगी, उसके दरवाजे  8 फीट ऊंचे और 12 फीट चौड़ा होने के साथ ही छह इंच मोटे होंगे. अब तक मुख्य मंदिर के 18 दरवाजे और मंदिर के चारों तरफ 100 चौखटें बनाई जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि बुधवार तक 118 दरवाजों का काम पूरा हो गया. उन्होंने कहा कि इन दरवाजों की संख्या बढ़ भी सकती है. 

नागर शैली में बनाए जा रहे मंदिर के दरवाजे

अयोध्या राम मंदिर के लिए दरवाजे बनाने का काम तमिलनाडु के कारीगर कर रहे हैं.वह इन दरवाजों को नागर शैली में डिजाइन कर रहे हैं, जिसमें कमल, मोर और अन्य पक्षियों के पारंपरिक भारतीय चित्रकला को प्रदर्शित किया जा रहा है. बता दें कि नागर मंदिर वास्तुकला की उत्तर भारतीय शैली है. कहा जाता है कि यह तीसरी शताब्दी ईस्वी में गुप्त काल में शुरू हुई थी और मुसलमानों के भारत में आने तक जारी रही.चयन प्रक्रिया के बारे में पूछे जाने पर सरथ बाबू ने कहा कि मंदिर समिति ने बिजनेस जगत के बड़े और नामी लोगों को मंदिर का कामकाज सौंपा है. उन्हें मंदिर का एक मॉडल बनाने के लिए कहा गया था, जिसके बाद उनकी फर्म को बुलाया गया और दरवाजे बनाने का काम सौंपा गया.

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