अयोध्या में रामजन्मभूमि जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता को मंजूरी दे दी और इसके लिए तीन मध्यस्थों का नाम तय कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एफ.एम.आई. कलीफुल्ला को अयोध्या विवाद की मध्यस्थता के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि मुद्दे को सौहार्दपूर्वक सुलझाने के लिए समिति अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेगी. कलीफुल्ला ने कहा, "मैं इस समय बस इतना कह सकता हूं कि यदि सर्वोच्च न्यायालय ने समिति गठित की है तो हम विवाद को सौहार्दपूर्वक सुलझाने की हर कोशिश करेंगे."
इस समिति में आर्ट ऑफ लीविंग के श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू के अलावा कलीफुल्ला शामिल हैं. समिति को यह अधिकार दिया गया है कि वह जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सदस्यों को शामिल कर सकती है. समिति का सदस्य नियुक्त किए जाने के बाद श्री श्री ने कहा, "हर किसी का सम्मान करने, सपनों को साकार करने, लंबे समय से लंबित विवाद को खुशी-खुशी समाप्त करने और समाज में सदभाव बनाए रखने के लिए हम सभी इन लक्ष्यों की ओर एकसाथ आगे बढ़े."
इससे पहले तीन मध्यस्थों में से एक श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि उन्हें सबका सम्मान करते हुए समाज में समरसता कायम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना है. उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा- सबका सम्मान करना, सपनों को साकार करना, सदियों के संघर्ष का सुखांत करना और समाज में समरसता बनाए रखना- इस लक्ष्य की ओर सबको चलना है. (इनपुट भाषा से)
VIDEO: अयोध्या केस में जानिए क्यों होगा मध्यस्थता से फैसला
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं