
- अयोध्या में सरयू नदी के 56 घाटों पर 26,17,215 दीये जलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया गया.
- डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 32,000 वॉलंटियर्स ने दीपोत्सव को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई.
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव का उद्घाटन किया और इसे आस्था, विकास का प्रतीक बताया.
रामनगरी अयोध्या में भव्य दीपोत्सव आयोजित हुआ, जिसने विश्व पटल पर एक बार फिर भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि का परचम लहराया. सरयू नदी के 56 घाटों पर 26,17,215 दीये प्रज्ज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बना. इस ऐतिहासिक क्षण को दर्ज करने के लिए ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' की टीम स्वयं अयोध्या में मौजूद थी, जिसने इस रिकॉर्ड की गवाह बनी. इस आयोजन में डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 32,000 वॉलंटियर्स ने अथक परिश्रम से रामनगरी को दीयों की रोशनी से जगमग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

विश्व रिकॉर्ड की चमक
इस बार अयोध्या के दीपोत्सव में दो विश्व रिकॉर्ड स्थापित किए गए. पहला रिकॉर्ड 26,17,215 दीयों को एक साथ प्रज्ज्वलित करने का था, जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन, और डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को गिनीज पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वहीं दूसरा रिकॉर्ड 2,128 लोगों द्वारा एक साथ सरयू आरती करने का था, जिसके लिए पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन, और सरयू आरती समिति को गिनीज प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.

इतने दीये जलाने का क्या अर्थशास्त्र
दीपोत्सव के दौरान जलाए गए 26 लाख से अधिक दीयों ने न केवल एक विश्व कीर्तिमान स्थापित किया, बल्कि इसके पीछे एक मजबूत आर्थिक और सामाजिक संदेश भी है. रामनगरी का यह आयोजन ‘लोकल फॉर वोकल' की भावना को साकार करता है, जिसमें स्थानीय उत्पादों, कारीगरों और संस्कृति को खास तवज्जो दी गई. दीपोत्सव के लिए लाखों दीयों की व्यवस्था की गई थी. इन दीयों का निर्माण अयोध्या और आसपास के जिलों के कुम्हारों, हस्तशिल्पियों और स्थानीय उद्यमियों द्वारा किया गया. इससे न सिर्फ हजारों परिवारों को रोजगार मिला और मिट्टी के दीयों की मांग ने पारंपरिक कुम्हारी उद्योग को पुनर्जीवित किया. वहीं तेल, बाती, रंगाई और पैकेजिंग जैसे सहायक उद्योग भी शामिल हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बहुआयामी लाभ मिला.

वॉलंटियर्स की मेहनत
इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 32,000 वॉलंटियर्स की मेहनत शामिल थी. उन्होंने सरयू नदी के 56 घाटों पर लगभग 28 लाख दीयों की व्यवस्था की, जिनमें से 26 लाख से अधिक दीये प्रज्ज्वलित किए गए. इन दीयों की रोशनी ने अयोध्या को स्वर्णिम आभा से सराबोर कर दिया, जो आस्था और एकता का प्रतीक बनी.

मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम और माता सीता के प्रतीकात्मक स्वरूपों का ‘राज्याभिषेक' कर दीपोत्सव का शुभारंभ किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “2017 में जब हमने अयोध्या में दीपोत्सव शुरू किया, तो हमारा उद्देश्य विश्व को यह दिखाना था कि दीप वास्तव में कैसे जलाए जाते हैं. आज ये 26 लाख से अधिक दीये 500 वर्षों के अंधकार पर विश्वास और सत्य की विजय का प्रतीक हैं. ” उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि अयोध्या अब विकास और विरासत का अद्भुत संगम बन चुकी है.

सीएम योगी के साथ मंच पर दिखा कौन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपोत्सव2025 में भाग लेने के लिए अयोध्या में सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी पहुंचे. यहां मंच पर सीएम योगी के साथ मंत्री संजय निषाद दिखाई दिए, साथ ही मंच पर कई धर्मगुरु भी नजर आए. इसके अलावा और भी कई गणमान्य लोग मौजूद थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तय कार्यक्रम के अनुसार अयोध्या पहुंचे, लेकिन दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद और ब्रजेश पाठक कार्यक्रम में नहीं पहुंचे हैं.

आस्था और सांस्कृतिक गौरव का उत्सव
यह दीपोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक बन गया. मुख्यमंत्री ने कहा, “आज उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 51 लाख दीप जलाए जा रहे हैं. यह दीपोत्सव इस बात का प्रमाण है कि कोई भी राजनीति आस्था को कैद नहीं कर सकती.” सरयू नदी के तट पर जलते दीयों और सामूहिक आरती की भव्यता ने अयोध्या को विश्व के सामने एक अनुपम छवि प्रदान की.

राजस्थान के जोधपुर के अक्षरधाम मंदिर परिसर में दीपावली की पूर्व संध्या पर दीपों की जगमगाहट ने माहौल को भक्तिमय बना दिया. श्रद्धालुओं ने मिट्टी के दीयों से मंदिर परिसर को रोशन किया, जिससे पूरा क्षेत्र दिव्य आभा से भर गया. दीपों की यह श्रृंखला न सिर्फ रोशनी का प्रतीक बनी, बल्कि दीपावली के पारंपरिक उत्सव को भी जीवंत करती नजर आई.

जबलपुर के ग्वारीघाट में दीपावली की पूर्व संध्या पर आयोजित दीपोत्सव के दौरान नर्मदा नदी का किनारा रोशनी और रंगों से जगमगा उठा. रविवार रात को हुए इस आयोजन में आतिशबाज़ी की चमक ने पूरे घाट को रोशन कर दिया, जिससे माहौल उत्सवमय और भक्तिभाव से भर गया. दीपों की रौशनी और नर्मदा की लहरों पर पड़ती आतिशबाज़ी की झलक ने दीपावली के स्वागत को यादगार बना दिया.

अयोध्या के राम की पैड़ी पर दीपावली की पूर्व संध्या पर आयोजित दीपोत्सव के दौरान सरयू नदी के पुल के ऊपर आतिशबाज़ी की चमक ने माहौल को रोशन कर दिया. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा साझा की गई इस तस्वीर में रंग-बिरंगी रोशनी से सजी रात ने श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव प्रदान किया. दीपों की रौशनी और आतिशबाज़ी की झिलमिलाहट ने अयोध्या के इस ऐतिहासिक घाट को एक बार फिर भक्ति और उत्सव के रंगों से सराबोर कर दिया.

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