नई दिल्ली:
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने (1 जुलाई) को एक बार फिर फर्जी विश्वविद्यालयों की लिस्ट जारी की है। यूजीसी के वेबसाइट पर जारी की गई लिस्ट के मुताबिक ये विश्वविद्यालय नियमों को पूरा नहीं करते हैं और इसलिए फर्जी हैं। (यहां क्लिक कर देखें यूजीसी की लिस्ट)
लिस्ट के अनुसार सबसे ज्यादा फर्जी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश से हैं। यहां से आठ विश्वविद्यालयों को फर्जी बताया गया है। दूसरे नंबर पर देश की राजधानी है जहां से छह फर्जी विश्वविद्यालय चल रहे हैं।
इसके बाद तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं।
ये हैं देश की फर्जी यूनिवर्सिटी
उत्तर प्रदेश- महिला ग्राम विद्यापीठ (इलाहाबाद), गांधी हिंदी विद्यापीठ (इलाहाबाद), नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्पलेक्स होम्योपैथी (कानपुर), नेताजी सुभाषचंद्र बोस यूनिवर्सिटी (अलीगढ़), उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय (कोसीकलां), महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विद्यालय (प्रतापगढ़), इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद (नोएडा फेस-2), गुरुकुल विश्वविद्यालय (वृंदावन)
दिल्ली- वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय (जगतपुरी), कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, वोकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर-सेंट्रल ज्यूडिशियल यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट और साइंस एंड इंजीनियरिंग
पश्चिम बंगाल- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन (कोलकाता)
कर्नाटक- बाडागानवी सरकार वर्ल्ड ओपन एजुकेशनल सोसायटी (बेलगाम)
बिहार- मैथिली यूनिवर्सिटी (दरभंगा)
मध्यप्रदेश- केशरवानी विद्यापीठ (जबलपुर)
केरल- सेंट जोन्स यूनिवर्सिटी (कृष्णाट्टम)
महाराष्ट्र- राजा अरेबिक यूनिवर्सिटी (नागपुर)
तमिलनाडु- डी डी बी संस्कृत विश्वविद्यालय (त्रिची)
अधिसूचना में कहा गया कि छात्रों एवं जनता को सूचित किया जाता है कि ऐसे 21 स्वयंभू एवं गैर मान्यता प्राप्त संस्थान यूजीसी कानून का उल्लंघन करते हुए परिचालनरत हैं और उन्हें फर्जी घोषित किया जाता है। वे आगे से कोई डिग्री प्रदान नहीं कर सकेंगे।
उच्च शिक्षा के लिए शीर्ष संस्था यूजीसी छात्रों के हितों के लिए समय समय पर फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी करता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग कानून 1956 के अनुसार केवल केन्द्र:राज्य:प्रांतीय कानून के अंतर्गत स्थापित विश्वविद्यालय अथवा कानून की धारा 3 के तहत विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त किसी संस्थान को ही खुद को विश्वविद्यालय करने का अधिकार है।
नीचे दी गई है पूरी लिस्ट
लिस्ट के अनुसार सबसे ज्यादा फर्जी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश से हैं। यहां से आठ विश्वविद्यालयों को फर्जी बताया गया है। दूसरे नंबर पर देश की राजधानी है जहां से छह फर्जी विश्वविद्यालय चल रहे हैं।
इसके बाद तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं।
ये हैं देश की फर्जी यूनिवर्सिटी
उत्तर प्रदेश- महिला ग्राम विद्यापीठ (इलाहाबाद), गांधी हिंदी विद्यापीठ (इलाहाबाद), नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्पलेक्स होम्योपैथी (कानपुर), नेताजी सुभाषचंद्र बोस यूनिवर्सिटी (अलीगढ़), उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय (कोसीकलां), महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विद्यालय (प्रतापगढ़), इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद (नोएडा फेस-2), गुरुकुल विश्वविद्यालय (वृंदावन)
दिल्ली- वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय (जगतपुरी), कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, वोकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर-सेंट्रल ज्यूडिशियल यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट और साइंस एंड इंजीनियरिंग
पश्चिम बंगाल- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन (कोलकाता)
कर्नाटक- बाडागानवी सरकार वर्ल्ड ओपन एजुकेशनल सोसायटी (बेलगाम)
बिहार- मैथिली यूनिवर्सिटी (दरभंगा)
मध्यप्रदेश- केशरवानी विद्यापीठ (जबलपुर)
केरल- सेंट जोन्स यूनिवर्सिटी (कृष्णाट्टम)
महाराष्ट्र- राजा अरेबिक यूनिवर्सिटी (नागपुर)
तमिलनाडु- डी डी बी संस्कृत विश्वविद्यालय (त्रिची)
अधिसूचना में कहा गया कि छात्रों एवं जनता को सूचित किया जाता है कि ऐसे 21 स्वयंभू एवं गैर मान्यता प्राप्त संस्थान यूजीसी कानून का उल्लंघन करते हुए परिचालनरत हैं और उन्हें फर्जी घोषित किया जाता है। वे आगे से कोई डिग्री प्रदान नहीं कर सकेंगे।
उच्च शिक्षा के लिए शीर्ष संस्था यूजीसी छात्रों के हितों के लिए समय समय पर फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी करता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग कानून 1956 के अनुसार केवल केन्द्र:राज्य:प्रांतीय कानून के अंतर्गत स्थापित विश्वविद्यालय अथवा कानून की धारा 3 के तहत विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त किसी संस्थान को ही खुद को विश्वविद्यालय करने का अधिकार है।
नीचे दी गई है पूरी लिस्ट
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