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This Article is From Oct 22, 2015

दशहरा भाषण में बोले भागवत, हिंदू संस्कृति को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं 'छोटी छोटी घटनाएं'

दशहरा भाषण में बोले भागवत, हिंदू संस्कृति को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं 'छोटी छोटी घटनाएं'
मोहन भागवत (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दादरी जैसी घटनाओं पर देश में पैदा नाराजगी के माहौल के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि ‘छोटी-छोटी घटनाएं’ ‘हिन्दू संस्कृति’ को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं। उन्होंने साथ ही देश में उम्मीद और विश्वास का माहौल पैदा करने तथा विदेश में भारत की प्रतिष्ठा मजबूत करने के लिए मोदी सरकार की सराहना की।

अंबेडकर की सराहना
यहां संघ के मुख्यालय में दशहरा पर्व पर अपने वार्षिक संबोधन में भागवत ने आरक्षण व्यवस्था के संदर्भ में गरीब वर्गों के पेशतर सामाजिक और आर्थिक असमानता दूर करने के मकसद से संविधान में किए गए प्रावधानों के लिए दलित महानायक बीआर अम्बेडकर की सराहना की।

आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा संबंधी उनके हालिया सुझाव ने बिहार चुनाव में भाजपा को मुश्किल स्थिति में डाल दिया था।

दूरदर्शन ने लगातार दूसरे साल किया सीधा प्रसारण
उनके 55 मिनट के भाषण का दूरदर्शन ने लगातार दूसरे साल सीधा प्रसारण किया, जिसमें उन्होंने जनसंख्या पर एक संपूर्णता में विचार विमर्श का आह्वान किया और कहा कि इसका लगातार बढ़ते जाना एक बोझ बन गया है।

छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती हैं....
भागवत ने कहा,  छोटी-छोटी घटनाएं होती हैं। उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन ये भारतीय संस्कृति, हिन्दू संस्कृति को विकृत नहीं करतीं। प्राचीन काल से यह विभिन्नता का सम्मान करती है, एकता स्थापित करने के लिए भिन्नताओं के बीच समन्वय करती है.. यह हिन्दुत्व है।

एकजुट रहेगा देश
उन्होंने कहा, हमारा देश एकजुट रहा है और एकजुट रहेगा। संघ पिछले 90 साल से देश को हिन्दुत्व के आधार पर एकजुट रखने के लिए काम करता आ रहा है। भागवत ने हालांकि सांप्रदायिक और जातीय तनाव की हालिया घटनाओं का सीधा जिक्र नहीं किया।

एक समान जनसंख्या नीति का समर्थन किया
कई हिन्दुत्ववादी तत्वों द्वारा मुस्लिम आबादी पर नियंत्रण लगाने की बार-बार की जा रही मांग के बीच भागवत ने किसी समुदाय का नाम लिए बिना ‘सभी पर लागू होने वाली एक समान जनसंख्या नीति’ का समर्थन किया। उन्होंने इस बात पर खेद जताया कि जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए देश में कोई समग्र विचार-विमर्श नहीं हुआ।

भागवत ने कहा,  आबादी बढ़ने के साथ देश पर बोझ बढ़ेगा। जनसंख्या में वृद्धि एक दौलत भी है। यदि हमें अधिक लोगों का पेट भरना पड़ेगा तो हमारे पास काम करने के लिए भी ज्यादा हाथ होंगे। इसलिए हमें 50 सालों के लिए योजना बनानी होगी कि कैसे लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य उपलब्ध कराए जाएं।

केंद्र की सराहना करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि सरकार ने लोगों के दिल में उम्मीद और विश्वास पैदा किया है जो कि पिछली सरकार के कार्यकाल में एकदम नीचे चला गया था। इसके साथ ही उन्होंने जन धन, स्वच्छ भारत और मुद्रा बैंक जैसी मोदी सरकार की पसंदीदा योजनाओं के बारे में भी बात की।
 

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