असम में एक स्थानीय व्यवसायी द्वारा जबरन वसूली का आरोप लगाने के बाद एक आईपीएस सहित नौ पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. बिजनेसमैन रबीउल इस्लाम ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया था और 2.5 करोड़ रुपये देने को कहा. पुलिस ने धमकी भी थी कि अगर रुपये नहीं दिए तो मुठभेड़ में मार दिया जाएगा. रबीउल इस्लाम ने दावा किया कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें पाकिस्तानी और बांग्लादेशी जिहादी तत्वों से संबंध के आरोप में फंसाकर उनकी हत्या की धमकी दी थी.
16 जुलाई की रात पुलिसवाले अचानक घर पहुंचे और धमकी दी
अपनी शिकायत में व्यवसायी ने आरोप लगाया कि धमकी 16 जुलाई को शुरू हुई, जब पुलिस अधिकारी लगभग 1:30 बजे उनके घर पहुंचे, उन्हें बाहर खींच लिया और उनसे ड्रग्स और नकदी के बारे में पूछताछ शुरू कर दी.
घंटों हिरासत में रखकर मारपीट की गई
इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने उसे और उसके दो रिश्तेदारों को भबनीपुर पुलिस स्टेशन ले जाने से पहले कथित तौर पर घंटों तक मुक्के और लातें मारीं, जहां उन्हें कई घंटों तक हिरासत में रखा गया. शिकायत पत्र में आगे आरोप लगाया गया है कि अगले दिन उन्हें एसपी के आवास पर ले जाया गया, जहां एसपी ने उनसे पूछताछ की.
मुठभेड़ में मारने का डर दिखाया
फिर उसे एक डिटर्जेंट फैक्ट्री में ले जाया गया, जहां उसे भागने के लिए कहा गया. पुलिस अधिकारियों ने उससे कहा कि वे उसे गोली मार देंगे और ऐसा दिखाएंगे कि वह एक मुठभेड़ में मारा गया क्योंकि उसके "जिहादी तत्वों" से संबंध थे और उसने सारी संपत्ति अवैध रूप से हासिल की थी.
असम में 9 लोगों को किया गया अरेस्ट
असम में सोमवार को नौ लोगों को अरेस्ट किया गया है, जिसमें 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ बुरागोहन भी शामिल थे, जो दो दिन पहले तक बाजली जिले के पुलिस अधीक्षक थे, जब उन्हें असम पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित किया गया गया था. अरेस्ट किए गए अन्य अधिकारियों में डिप्टी सुपरिटेंडेंट पुष्कल गोगोई, एडिशनल सुपरिटेंडेंट गायत्री सोनोवाल और उनके पति सुभाष चंदर, सब इंस्पेक्टर देबजीत गिरी, कांस्टेबल इंजमामुल हसन, किशोर बरुआ, नबीर अहमद और दीपजॉय कलिता हैं.
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