महाराष्ट्र में चल रहा राजनीतिक खींचतान कब खत्म होगा ये फिलहाल किसी को नहीं पता. एक तरफ जहां एकनाथ शिंदे गुट अपने आपको बहुमत में बता रहा है तो दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे पार्टी के साथ-साथ सरकार बचाने की जद्दोजहद में लगे दिख रहे हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना के अंदर चल रही इस अंदरूनी लड़ाई को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने शनिवार को कहा को कि मैं महाराष्ट्र में चल रहे खेल पर नजर बनाए हुए हूं. हम देख रहे हैं कि किस तरह से वहां बंदरों का नाच हो रहा है. कोई एक झाड़ से दूसरे झाड़ पर तो कभी एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर कूद रहा है.
#WATCH | Let Maha Vikas Aghadi deliberate over this matter. We are keeping an eye on the unfolding drama... It looks like a dance of monkeys. They are acting like monkeys jumping from one branch to another: AIMIM chief Asaduddin Owaisi on the political crisis in Maharashtra pic.twitter.com/RUUc9xRyUb
— ANI (@ANI) June 25, 2022
उधर, शिवसेना में आपसी उठा पटक का दौर जारी है. एकनाथ शिंद गुट और उद्धव ठाकरे गुट एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. दोनों ही गुट शिवसेना पर अपना दावा कर रहे हैं. शनिवार को बागी गुट के विधायक दीपक केसरकर ने एनडीटीवी से खास बातचीत में पार्टी पर अपना दावा किया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबकुछ बहुमत के हिसाब से तय होता है. फिलहाल बहुमत हमारे पास है, लिहाजा शिवसेना हमारी हुई. वहीं, दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे का गुट बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर डिप्टी स्पीकर को पहले ही याचिका दे चुका है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए डिप्टी स्पीकर ने बागी विधायकों से दो दिन के अंदर जवाब देने को भी कहा है. बता दें कि उद्धव ठाकरे गुट ने डिप्टी स्पीकर के विधान भवन पहुंचने पर ये आवेदन दिया गया था. जिन विधायकों के खिलाफ आवेदन का मसौदा तैयार किया गया है उनमें शामिल हैं सदा सरवणकर, प्रकाश आबिटकर, संजय रयमुलकर और रमेश बोरनारे. एक बार जब यह याचिका स्वीकार कर ली गई थी. इन चार विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग के बाद ऐस कुल विधायकों की संख्या 16 हो गई थी.
इससे पहले 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी दी गई थी
ऐसे में 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी दी गई थी.शिवसेना (Shiv Sena) में उद्धव ठाकरे गुट ने पार्टी के 12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग करते हुए ये याचिका दी थी. इसमें बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे और भरत गोगावाले का भी नाम है. NDTV से बात करते हुए अरविंद सावंत ने कहा था कि गुरुवार दोपहर को हमने 12 विधायको की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. एनसीपी की बैठक थी इसलिए नरहरि झिरवाल (डिप्टी स्पीकर) आए नहीं थे. उन्होंने कहा कि यह 44 पन्नों की अर्जी है, इसलिए समय लगा. कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. पार्टी की ओर से व्हिप जारी करने के बावजूद वो मीटिंग में नहीं आए, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द की जाए. हमारी याचिका को स्वीकार कर लिया गया है.
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