एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में बोलते हुए आरोप लगाया कि जब वह गंभीर मुद्दों से बचने की बात करते हैं तो वह चीते से भी तेज होते हैं. राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर जयपुर पहुंचे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता ने ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में हाल के वाराणसी कोर्ट के आदेश को 'झटका' बताया और कहा कि यह पूजा स्थलों के अधिनियम, 1991 के खिलाफ है. उन्होंने राज्य में मदरसों का सर्वेक्षण करने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम की भी आलोचना की.
ओवैसी की चीता वाली टिप्पणी तब आई है जब पत्रकारों ने हैदराबाद के सांसद से भारत में चीतों को फिर से बसाने की योजना पर टिप्पणी करने के लिए कहा. प्रधानमंत्री मोदी आठ चीतों को अपने जन्मदिन पर एक वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ने वाले हैं.
पीएम मोदी 17 सितंबर को नामीबिया से मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में लाए जा रहे आठ चीतों को रिहा करने वाले हैं. आठ चीता नामीबिया की राजधानी विंडहोक से बोइंग 747-400 विमान से पहुंचेंगे और फिर हेलीकॉप्टर में नेशनल पार्क के लिए रवाना होंगे.
ओवैसी ने कहा कि जब महंगाई या बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाए जाते हैं तो प्रधानमंत्री चीते से भी तेज चलते हैं. उन्होंने कहा, "जब हम बेरोजगारी की बात करते हैं, प्रधानमंत्री मोदी चीते को भी पीछे छोड़ देते हैं. जब हम चीन से हमारे क्षेत्र पर कब्जा करने के बारे में पूछते हैं, तो मोदी जी चीते से भी तेज हैं." ओवैसी ने आरोप लगाया, "वह इन मामलों में बहुत तेज हैं, हम उन्हें धीमी गति से चलने के लिए कह रहे हैं."
चीतों के साथ तुलना करते हुए ओवैसी ने कहा, "वो (पीएम मोदी) बोलने में बहुत तेज़ हैं," जिसका अर्थ है कि पीएम मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकलने के लिए अपनी बात कह सकते हैं. सख्त आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मैं यह सब हल्के-फुल्के अंदाज में कह रहा हूं ताकि मेरे खिलाफ यूएपीए न लगाया जाए."
एआईएमआईएम प्रमुख ने हाल ही में वाराणसी की अदालत के आदेश की निंदा की, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद समिति की याचिका को खारिज कर दिया गया था, जिसमें याचिका की स्थिरता पर सवाल उठाया गया था, जिसमें उन देवताओं की दैनिक पूजा की मांग की गई थी, जिनकी मूर्तियां मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं. उन्होंने कहा, "फैसला एक झटका है. यह ऐसे अन्य मामलों को खोलेगा और एक अस्थिर प्रभाव पैदा कर सकता है."
निजी तौर पर संचालित मदरसों का सर्वेक्षण करने के यूपी सरकार के फैसले पर, ओवैसी ने कहा कि उन्होंने पहले ही इसे "मिनी एनआरसी" कहा है, जो राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर विवाद का जिक्र है. उन्होंने कहा, "केवल गैर सहायता प्राप्त मदरसों का ही सर्वेक्षण क्यों किया जा रहा है? आरएसएस के स्कूलों और निजी और सरकारी स्कूलों का सर्वेक्षण क्यों नहीं किया जाता है."
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