दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing) ने रविवार को दिल्ली के चांदनी चौक इलेके से एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने खुद को एक ट्रस्ट का मालिक बताकर उसकी 15 करोड़ की संपत्ति महज़ 35 लाख रुपये में बेच डाली. आर्थिक अपराध शाखा के एडिशनल कमिश्नर (Additional Commissioner of Crime Branch) आरके सिंह के मुताबिक ये मामला ग्रेटर कैलाश के रहने वाले श्रवण अग्रवाल की शिकायत दर्ज किया गया था. जांच के दौरान यह पता चला कि "तुलसी धर्मशाला ट्रस्ट" के नाम पर ट्रस्ट स्वर्गीय जमना दास द्वारा बनाया गया था जिसमें 5 ट्रस्टी थे. इस मामले में आरोपी मनोज तुलसियान के पिता राधेश्याम भी ट्रस्ट के सदस्य थे. मनोज के पिता राधेश्याम को बाद में ट्रस्ट में मैनेजिंग ट्रस्टी बना दिया गया था. गौरतलब है, राधेश्याम की मौत के बाद उनकी पत्नी पुष्पा देवी को 1988 में मैनेजिंग ट्रस्टी बनाया गया था.
जानकारी के अनुसार, ट्रस्ट डीड में प्रावधान था कि ट्रस्ट की कोई भी संपत्ति किसी को नहीं सौंपी जा सकती है. इसके बावजूद, आरोपी ने खुद को दिवंगत जमना दास (ट्रस्ट के संस्थापक) का पोता बनाकर ट्रस्ट की संपत्ति को 35 लाख रुपये में बेच दिया. इन संपत्तियों की कीमत बाजार में तकरीबन 15 करोड़ है. मुख्य आरोपी मुकेश तुलसियान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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पुलिस के मुताबिक आरोपी ने दिल्ली के नई सड़क, चांदनी चौक स्थित ट्रस्ट की संपत्तियों यानि करोड़ों की दुकानें बेचने के लिए दूसरे आरोपियों के साथ साज़िश रची और संपत्ति के फ़र्ज़ी दस्तावेज तैयार करवाये. आरोपी तीन महीने से फरार था. काफी मशक्कत के बाद पता चला कि आरोपी मुकेश तुलसियान दिल्ली के शालीमार बाग में कहीं रहता है. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
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