दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टिया मुखिया अरविंद केजरीवाल ने सरकारी घर समेत सभी सुविधाएं छोड़ने का फैसला किया है. अरविंद केजरीवाल द्वारा मंगलवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद नामित मुख्यमंत्री आतिशी ने नई सरकार बनाने का अपना दावा पेश किया. इस घटनाक्रम को दिल्ली में लगभग पांच महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बढ़त हासिल करने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.
- अरविंद केजरीवाल अपना मुख्यमंत्री आवास 15 दिन में खाली करेंगे. सरकारी आवास खाली करने के बाद केजरीवाल जनता के बीच जाएंगे.
- अरविंद केजरीवाल कहां रहेंगे अभी यह तय नहीं है, लेकिन 15 दिन में मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे.
- अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री को मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाएं भी छोड़ देंगे.
- आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी नेताओं को यह जानकारी दे दी है.
केजरीवाल ने एलजी को सौंपा इस्तीफा
केजरीवाल ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी. उन्होंने तब कहा था कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठेंगे, जब जनता उन्हें ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र'' देगी. दिल्ली शराब नीति ‘घोटाले' में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे और पिछले सप्ताह जेल से रिहा हुए आप सुप्रीमो ने मंगलवार शाम को उपराज्यपाल सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया. आतिशी (43) दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. उनसे पहले भाजपा नेता सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित इस पद पर रह चुकी हैं.
आतिशी को दिल्ली की कमान
केजरीवाल ने पार्टी विधायकों की एक बैठक में अपने उत्तराधिकारी के तौर पर आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया. आतिशी ने विधायक दल की बैठक के बाद कहा, ‘‘मैं अगले कुछ महीने तक एक ही लक्ष्य के साथ काम करूंगी कि केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री पद पर बैठाया जाए. मैं अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री के रूप में काम करूंगी.''
दिल्ली में कब होंगे चुनाव
दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 23 फरवरी को समाप्त होने वाला है और उसके मद्देनजर फरवरी की शुरुआत में चुनाव होने की उम्मीद है. हालांकि, केजरीवाल ने मांग की है कि महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में भी नवंबर में चुनाव कराये जाएं. केजरीवाल के बाद अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर अटकलें तेज थीं. इस रेस में आतिशी का नाम सबसे आगे था और उन्हें केजरीवाल तथा पार्टी में दूसरे प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया का बेहद करीबी माना जाता है. केजरीवाल ने आप विधायक दल की बैठक में आतिशी का नाम प्रस्तावित किया, जिसे सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया.
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