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नई दिल्ली सीट का गणितः 60% से पास होते रहे केजरीवाल को कैसे हराएगी BJP? कांग्रेस करेगी खेला

दिल्ली की सबसे खास सीट नई दिल्ली पर रण सज गया है. आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को पर्चा भरा. इससे पहले प्रवेश वर्मा ने भी नामांकन दाखिल किया. नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल बंपर वोटों से जीतते रहे हैं. क्या इस बार बेहद टक्कर के त्रिकोणीय मुकाबले में उलटफेर होने जा रहा है?

नई दिल्ली सीट का गणितः 60% से पास होते रहे केजरीवाल को कैसे हराएगी BJP? कांग्रेस करेगी खेला
'हॉटसीट' नई दिल्ली के दो दिग्गज आज नामांकन दाखिल करेंगे
नई दिल्‍ली:

दिल्ली का सियासी रण सज रहा है. लगभग सभी सीटों पर मुकाबले फिक्स हो चुके हैं. अब पर्चा भरने का दौर जारी है. इस लिहाज से बुधवार को दिल्ली में सबसे हॉट दिन रहा. दिल्ली की सबसे हॉट सीट यानी नई दिल्ली सीट पर नामांकन दाखिल हो गए. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पर्चा भरा. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे और बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश ने भी सुबह नामांकन दाखिल किया. कांग्रेस ने इस सीट पर संदीप दीक्षत को उतारा है. नई दिल्ली सीट के बारे में कहा जाता है कि सत्ता का रास्ता यहीं से होकर जाता है. नई दिल्ली सीट पर जिसने बाजी मारी, सरकार उसकी पार्टी की बनती रही है. जरा दिल्ली की इस हॉट का कुछ समीकरण समझिए. 

सालकौन पार्टी जीती 
नामपार्टीवोट प्रतिशत
2013अरविंद केजरीवालAAP53.5%
2015अरविंद केजरीवालAAP64.1%
2020अरविंद केजरीवालAAP61.1%

इस बार नई दिल्ली सीट से कौन-कौन उम्मीदवार

पार्टीउम्मीदवारपरिचय
AAPअरविंद केजरीवालआप के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री
BJPप्रवेश साहिब सिंहपूर्व सांसद और दिल्ली के पूर्व सीएम साहिब  सिंह वर्मा के बेटे हैं
कांग्रेससंदीप दीक्षितपूर्व सांसद और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं.

2013 से 2020, AAP ने कैसे किसे कांग्रेस के वोट साफ

2013 विधानसभा चुनाव:  पार्टीसीटेंंवोट प्रतिशत
AAP2830%
BJP3133%
कांग्रेस 825%

दिल्ली में 2013 के बाद 2015 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए बुरे सपने जैसा साबित हुआ. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के पैरों के नीचे से उसकी सियासी जमीन खींच ली. 2013 में 25 पर्सेंट वोट शेयर वाली कांग्रेस के पास 2015 में महज 10 पर्सेंट वोट रह गए. सीटें भी शून्य हो गईं. बीजेपी को भी झटक तगड़ा लगा. उसकी सीटें 31 से घटकर 3 पर आ गईं, लेकिन कांग्रेस जैसा जनाधार उसने नहीं खोया. उसके वोट शेयर में 1 प्रतिशत की गिरावट आई.  ऊपर और नीचे की टेबल में देखिए.

2015 विधानसभा चुनावः पार्टीसीटेंवोट प्रतिशत
AAP6754%
BJP332%
कांग्रेस010%

2020 विधानसभा चुनावः कांग्रेस जीरो, लेकिन BJP का जनाधार बढ़ा

...और 2020 का चुनाव तो कांग्रेस के लिए और बुरा साबित हुआ. 2013 में दिल्ली में 25 प्रतिशत जनाधार रखने वाली कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरकर 4 फीसदी रह गया. 2025 के विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस ने आप से दूरी बनाई, तो इसकी भी एक बड़ी वजह यही है. दिल्ली में कांग्रेस के पास खोने के लिए अब कुछ बचा नहीं है. अकेले चुनाव लड़कर वह अपने अपने जनाधार का समेटने की कोशिश में लगी है. नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित को मुकाबले में उतारने के पीछे उसकी यही तड़प दिखती है. राहुल का केजरीवाल पर दिल्ली की पैरिस वाली सड़क का कटाक्ष भी दिखाता है कि चुनावी में शब्दबाण तीखे चलेंगे. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस मजबूती से दिल्ली के मैदान में उतरकर क्या गेम बिगाड़ेगी?      

2020 विधानसभा चुनावः पार्टी सीेटेंवोट प्रतिशत
AAP6254%
BJP839%
कांग्रेस04%

केजरीवाल ने लिया बजरंगबली का आशीर्वाद

केजरीवाल नामांकन दाखिल करने से पहले भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए बाल्मीकि मंदिर और हनुमान मंदिर भी जाएंगे. अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा की. लिखा, "आज मैं अपना नामांकन भरने जा रहा हूं. पूरी दिल्ली से मेरी कई मां-बहनें मुझे आशीर्वाद देने मेरे साथ जाएंगी. नामांकन के पहले प्रभु का आशीर्वाद लेने बाल्मीकि मंदिर और हनुमान मंदिर जाऊंगा." केजरीवाल की पत्‍नी सुनीता भी इस अवसर पर उनके साथ होंगी. 

वहीं, प्रवेश वर्मा ने लिखा, "हर हर महादेव. नामांकन के शुभ मुहूर्त पर चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में महादेव और मां गौरा का आशीर्वाद लिया. उनकी कृपा से यह यात्रा दिल्ली की सेवा और विकास के प्रति समर्पित रहेगी. आपका प्यार, समर्थन और आशीर्वाद इस संकल्प को मजबूत बनाएगा."

क्‍यों नई दिल्ली सीट हाई प्रोफाइल

नई दिल्ली सीट हाई प्रोफाइल सीट है क्योंकि यहां से पूर्व सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का सामना दो पूर्व सीएम के बेटों से होगा. भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा दिवंगत पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं तो कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित जीत की हैट्रिक लगाने वाली पूर्व सीएम शीला दीक्षित के सुपुत्र हैं. 2013, 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल उतरे और जीतते ही चले गए. उन्होंने शीला दीक्षित को पटखनी दी थी.

केजरीवाल नई दिल्‍ली से 3 बार मैदान में 

नई दिल्ली की विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल ने 3 बार चुनाव लड़ा, और तीनों बार भारी अंतर से अपना सिक्का जमाया. 2013 में शीला दीक्षित को 25,864 मतों के अंतर से हराया. 2015 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी की नूपुर शर्मा को 31,583 वोटों के अंतर से मात दी थी. 2020 के विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के सुनील यादव को 21,697 वोटों से शिकस्त दी. लेकिन इस बार की टक्कर पिछले मुकाबलों से इतर है. 2025 के चुनावों में उनका मुकाबला दो पूर्व सांसदों संदीप दीक्षित और प्रवेश वर्मा से है. यही वजह है कि ये सबसे ज्यादा चर्चा वाली सीट बन गई है.

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