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This Article is From Apr 05, 2017

अरुण जेटली चाहते हैं केजरीवाल का कोर्ट में बचाव न करूं, इसलिए है सब तमाशा : जेठमलानी

अरुण जेटली चाहते हैं केजरीवाल का कोर्ट में बचाव न करूं, इसलिए है सब तमाशा : जेठमलानी
राम जेठमलानी ने कहा है कि अरुण जेटली डरे हुए हैं इसलिए सब तमाशा हो रहा है.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा, पैसा केजरीवाल को खुद देना चाहिए
अरविंद केजरीवाल पैसे न भी दे पाए तो भी केस लड़ते रहेंगे राम जेठमलानी
सिसोदिया ने कहा, भ्रष्टाचार रोकने के लिए आवाज उठाई, इसीलिए मुकदमा
नई दिल्ली: "मैं अपने अमीर क्लाइंट्स से पैसा लेता हूं" यह कहकर  वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने यह साफ कर दिया कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भी इस श्रेणी में गिनते हैं. हालांकि साथ में उन्होंने यह भी सफाई दी कि अगर केजरीवाल पैसे नहीं दे पाए तो भी वे उनका केस लड़ते रहेंगे.

राम जेठमलानी ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि "यह सब तमाशा इसीलिए किया जा रहा है क्योंकि अरुण जेठली चाहते हैं कि केजरीवाल को कोर्ट में मैं डिफेंड नहीं करूं." वकील साहब के मुताबिक भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली उनसे डर गए हैं. उन्होंने कहा कि वह रोएगा वह डर गया है इसीलिए इस तरह की बातें फैला रहा है."

इस बीच यह बात भी सामने आ चुकी है कि राम जेठमलानी का बिल भरने के लिए मनीष सिसोदिया ने चिट्ठी लिखी है. उनका तर्क है कि केजरीवाल सरकार का ही काम कर रहे थे. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का तर्क है कि "केजरीवाल कोई जमीन से जुड़ा मामला तो लड़ नहीं रहे, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उन्होंने आवाज़ उठाई, इसीलिए उन पर मुकदमा हुआ."

लेकिन इस कदम को लेकर दिल्ली सरकार अब आलोचनाओं से घिरी है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे दिल्ली की लूट बताया है. जावड़ेकर ने कहा कि "एमसीडी के लोगों को देने के लिए आम आदमी पार्टी के पास पैसे नहीं वकील की फीस देने के लिए है."  

उधर कानून के जानकार भी मानते हैं कि यह निजी मामला है. पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी की राय में पैसा केजरीवाल को खुद देना चाहिए. उन्होंने कहा कि "ये केस निजी मामले में है केजरीवाल को निजी खर्च से देना चाहिए. अगर केजरीवाल हिट एंड रन केस में फंस जाते हैं तो क्या दिल्ली सरकार पैसा देगी?"  

दिल्ली सरकार के कानून विभाग की भी राय यही है कि मुकदमा सरकार से जुड़ा नहीं है. उप राज्यपाल अनिल बैजल ने इस मामले में सॉलिसिटर जनरल की राय मांगी है.

राम जेठमलानी ने पैसा मांगने के लिए जिस दलील का सहारा लिया है, केजरीवाल उसी दलील के सहारे चाहते हैं कि दिल्ली सरकार भुगतान करे. दोनों के मुताबिक वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आप संयोजक केजरीवाल पर नहीं, मुख्यमंत्री केजरीवाल पर मुकदमा किया है. लेकिन सवाल है कि क्या वाकई यह दलील टिकेगी? हालांकि केजरीवाल ने यह भी कहा है कि वे पैसे क्यों दें, वे तो करप्शन के खिलाफ लड़ रहे हैं.

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