सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Army Chief General MM Naravane) ने लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने के मामले में कहा कि देश ने एक इंच जमीन भी नहीं खोई है. लद्दाख सीमा विवाद (Ladakh Dispute) में दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने के बाद सरकार की ओर से तो बयान आया था, लेकिन पहली बार है कि सेना के स्तर पर इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है. लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं करीब 9 माह तक आमने-सामने रहीं थीं. इसके बीच गलवान घाटी में खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें 20 लोग मारे गए थे.
ANI के इंटरव्यू में सेनाध्यक्ष से जब पूछा गया कि लद्दाख में भारत औऱ चीनी सेना के बीच हुए डिसएंगेजमेंट प्रासेस (पीछे हटने की प्रक्रिया) को किसकी जीत माना जाए या उसका रणनीतिक स्थिति पर क्या असर पड़ा है, क्या भारतीय सेनाएं (India China army) अपने मोर्चे पर से पीछे हटी हैं तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमने कोई जमीन नहीं खोई है. इस घटनाक्रम के पहले भारतीय सेनाएं जहां थीं, अब भी वहीं हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि हम परस्पर और समान सुरक्षा के सिद्धांत के तहत इस समझौते पर पहुंचे हैं.
#WATCH: Army Chief General MM Naravane speaks to ANI on India-China disengagement in Ladakh. He says, "We have not lost out on any territory, we are where we were before this whole thing started...Not an inch of land has been lost." pic.twitter.com/yIyyBR6Z4n
— ANI (@ANI) March 30, 2021
लिहाजा इस पूरे घटनाक्रम को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए कि यह दोनों देशों की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिरता के उद्देश्य को पूरा करता है. ताकि वहां किसी भी प्रकार के टकराव की आशंका कम से कम रहे. इसे इसी व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए. जब उनसे सवाल किया गया कि क्या इस समझौते के तहत भारत ने किसी भी प्रकार की कोई जमीन पर नियंत्रण खोया है तो उन्होंने कहा कि हमने एक इंच भी जमीन नहीं खोई है.
रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defense) ने पहले कहा था भारत ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो (Pangong Tso of East Ladakh) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर समझौता करते हुए किसी भी इलाके से दावा नहीं छोड़ा है. तब भारत ने यह भी कहा था डेपसांग (Depsang), हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा सहित अन्य लंबित ‘‘समस्याओं'' को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच आगामी वार्ताओं में उठाया जाएगा. गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी आरोप लगाया था कि सरकार ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा' चीन को दे दिया है. कांग्रेस नेता ने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर हुए समझौते को लेकर भी सवाल उठाए. इसको लेकर राजनीतिक घमासान भी छिड़ा था.
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