नई दिल्ली:
एनडीटीवी के डिफेंस समिट (Defense summit) में सेना प्रमुख मनोज पांडे (Manoj Pande) ने तमाम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में तेजी से हो रहे बदलाव के बीच हमारा देश लगातार आगे बढ़ रहा हैं. मनोज पांडे ने कहा कि भारतीय रक्षा क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है. हम कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो रहे हैं. जनरल पांडे ने इस तथ्य पर जोर दिया कि हमें अपने राष्ट्रीय हित को सुरक्षित रखने की जरूरत है और ध्यान उन क्षेत्रों पर देने की जरूरत है जहां निरंतर प्रगति की आवश्यकता है.
- आर्मी चीफ ने कहा कि भारतीय सेना, दुनिया की एक बड़ी थल सेना है. जिसे आधुनिक ताकत से लैस करने की जरूरत है. जिससे की भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए ये तैयार हो सके. हम सेना को इस तरह से तैयार करने जा रहे हैं जिससे कि वो किसी भी वातावरण में अपने आप को साबित कर सके. सेना को भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है.
- मनोज पांडे ने कहा कि सरकार ने देश में एक प्रभावी इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए पहल किया है. सरकार की तरफ से लाइसेंसिंग, विदेशी निवेश और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. डिफेंस कॉरिडॉर का निर्माण उसकी ही एक कड़ी है.
- रक्षा विनिर्माण और हथियारों की खरीद में आत्मनिर्भरता के लिए सरकारों की तरफ से प्रयास किये जा रहे हैं. किसी भी युद्ध में अपने आप को मजबूत बनाए रखने के लिए किसी भी देश के स्वदेशी रक्षा उद्योग बेहद महत्वपूर्ण हैं. मनोज पांडे ने रूस-यूक्रेन संघर्ष में सप्लाई चेन में दिक्कत के बाद हुई परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे समय में स्वदेशी आत्मनिर्भरता की बेहद जरूरत हो जाती है.
- सेना प्रमुख ने कहा, "स्वदेशीकरण से सशक्तीकरण की दिशा में काम तेजी से चल रहा है. इसके लिए सभी क्षेत्रों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. मुख्य क्षमताओं को विकसित करना आवश्यक है" युद्ध के खतरों के बदलते स्वरूप और साइबर युद्ध ने टेक्नोलॉजी के साथ सुरक्षा के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है.
- सेना प्रमुख ने कहा कि सेना को मजबूत बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसे उपायों को सेना में लागू करने की जरूरत है. हम डिफेंस सेक्टर में इन उपायों को लागू कर रहे हैं.
- जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हमारे लिए परंपरागत तौर पर कई चुनौतियां हैं जैसे हमारे देश की सीमाएं पड़ोसी देशों के साथ निश्चित नहीं हैं. हम लगातार इन चुनौतियों का सामना करते रहे हैं.
- सैन्य सामग्रियों की खरीद और भारत में स्वदेशी निर्माण के लिए सरकार के लिए रक्षा बजट को लगातार बढ़ाया गया है. जिससे कई नई शुरुआत हुई है. देश में डिफेंस कॉरिडॉर का निर्माण किया गया है. विदेशी निवेश की मदद से भी भारत में तकनीक का विकास किया जा रहा है.
- सैन्य कूटनीति की मदद से इंडियन आर्मी की तरफ से कई देशों की सेनाओं के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.
- सेना की सुरक्षा और आधुनिकता के लिए इंडियन आर्मी की तरफ से लगातार प्रयास हो रहे हैं. सेना की तरफ से बुलेट प्रुफ जैकेट, बख्तरबंद गाड़ियों की खरीद की जा रही है. हम सेना को ऐसी गुणवत्ता प्रदान करना चाह रहे हैं जो उन्हें अधिकतम सुरक्षा प्रदान कर सके.
- भारतीय सेना की तरफ से ड्रोन और एंटी ड्रोन सिस्टम तैयार किया जा रहा है. हल्के टैंक. हल्के लड़ाकू विमानों की खरीद भी पाइपलाइन में है जिससे हमारी सेना को मजबूती मिलेगी.