रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि फ्रांसीसी रफाल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भविष्य में होने वाली सभी बातचीत सीधे तौर पर दोनों सरकारों के बीच ही होगी और विमान निर्माताओं से कोई सीधी बातचीत नहीं होगी।
पर्रिकर ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे तौर पर फ्रांस सरकार से उड़ान भरने के लिए तैयार 36 राफल लड़ाकू विमानों की खरीद का ऐलान किया और इस तरह मध्यम बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों (एमएमआरसीए) की निविदा के लिए तीन साल से चल रही बातचीत को दरकिनार कर दिया।
126 विमानों की खरीद के लिए शुरू में निविदा का मूल्य करीब 10 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया था, वहीं मौजूदा अनुमानित मूल्य 20 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है, जिस पर भारत को गंभीर आपत्ति है।
बातचीत के भंवर में 'फंस' जाने और कोई समाधान नजर न आने का जिक्र करते हुए पर्रिकर ने कहा कि फ्रांस के साथ सीधी बातचीत से अब फैसला होगा कि और कितने राफल विमान खरीदे जाने हैं और क्या इसे 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत लाया जाएगा।
रक्षामंत्री ने इन सवालों का सीधा जवाब नहीं दिया कि एमएमआरसीए के लिए वायुसेना की जरूरतें राफल के जरिए पूरी होंगी या कोई और कंपनी इसमें सामने आ सकती है।
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