अहमदाबाद:
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि उन्हें इस बात की पीड़ा है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के मुद्दे पर बार-बार सफाई देनी पड़ रही है। सामाजिक कार्यकर्ता मल्लिका साराभाई को मंगलवार को लिखे एक पत्र में हजारे ने कहा, मुझे यह कहने दीजिए कि मैं बिल्कुल अराजनीतिक हूं और सांप्रदायिकता के खिलाफ हूं। हजारे के मोदी की तारीफ करने पर साराभाई ने उन्हें एक ई-मेल भेजकर कहा था कि वे इससे स्तब्ध हैं। महाराष्ट्र के अहमदाबाद जिले के रालेगान सिद्धी के अपने गांव से लिखे खत में हजारे ने कहा, मुझे इस बात की पीड़ा है कि मुझे मोदी पर बार-बार सफाई देनी पड़ रही है। संवाददाता सम्मेलन में मुझसे बिहार और गुजरात के मुख्यमंत्रियों के किए विकास कार्यों के बारे में पूछा गया और मीडिया की रिपोर्टों के आधार पर मैंने कहा कि बिहार और गुजरात में ग्रामीण विकास की दिशा में अच्छे काम किए गए हैं। उन्होंने कहा, इसके साथ ही मैंने 2002 के दंगों और सांप्रदायिकता की भी आलोचना की। हजारे ने अपने खत में कहा, मैंने अपनी जिंदगी भ्रष्टाचार को मिटाने में लगा दी। यह एक लंबा संघर्ष है और मुझे आप :साराभाई: जैसे लोगों पर भरोसा है जिन्होंने जन अधिकारों के लिए लड़ाई की है। वे इस आंदोलन की भावना को समझेंगे। दिल्ली में रविवार को जारी वक्तव्य में हजारे ने कहा था, संवाददाता सम्मेलन में पूछ गए सवाल में मैनें केवल नरेंद्र मोदी और नीतिश कुमार के ग्रामीण इलाकों में किए कामों की सराहना की। इसके साथ ही मैंने किसी भी तरह की सांप्रदायिकता का विरोध किया। मैं धर्म और जाति के नाम पर सांप्रदायिकता के घोर खिलाफ हूं। इस बीच वडोदरा के कार्यकर्ताओं ने हजारे के वक्तव्य पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। वडोदरा स्थित रोहित प्रजापति और तृप्ति शाह ने कहा, आपकी अस्पष्ट सफाई केवल सांप्रदायिक सौहाद्र और राजनीति से जुड़ी है। हम आपको बताना चाहते हैं कि विकास पर मोदी की तारीफ बिल्कुल असंगत थी। मोदी ने हजारे को सोमवार को एक खुला खत लिखा था जिसमें कहा था कि उनकी (मोदी की) और प्रदेश की तारीफ करने के बाद हजारे को अपमानित किए जाने का डर है।
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