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अंकिता भंडारी मर्डर केस की पूरी कहानी, 'स्पेशल सर्विस' वाले VIP का नाम नहीं आया सामने

Ankita Bhandri Murder Case: अंकिता भंडारी मर्डर केस में कोर्ट का फैसला आ गया, लेकिन यह बात अभी तक सामने नहीं आई कि रिसॉर्ट में वो कौन VIP आते थे, जिनकी स्पेशल सर्विस के लिए अंकिता की हत्या की गई.

अंकिता भंडारी मर्डर केस की पूरी कहानी.

Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में शुक्रवार को कोर्ट का फैसला आया. 19 साल की अंकिता की हत्या के मामले में तीनों आरोपियों को एक स्थानीय अदालत ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई. इसमें एक भाजपा नेता का बेटा भी शामिल है. अभियोजन पक्ष के वकील अजय पंत ने बताया कि कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने तीनों दोषियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर 50.50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 

97 में से 47 गवाहों की गवाही के बाद फैसला

अंकिता की सितंबर 2022 में हत्या कर दी गयी थी. ढाई साल से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद 19 मई को अदालत ने शुक्रवार का दिन फैसला सुनाने के लिए तय किया था. इस मर्डर केस में 97 में से 47 गवाहों की गवाही और लगभग ढाई साल की लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट का फैसला सामने आया है. 

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रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी अंकिता

पौड़ी जिले के यमकेश्वर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्य करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की 18 सितंबर 2022 को रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर हत्या कर दी थी.

स्पेशल सर्विस के लिए अंकिता पर दवाब बना रहा था पुलकित

अंकिता की हत्या के पीछे रिसॉर्ट के ग्राहकों को स्पेशल सर्विस देने के नाम पर दवाब बनाने की कहानी सामने आई थी. रिसॉर्ट का मालिक पुलकित अंकिता से गलत काम कराना चाहता था. जिसके लिए मना करने पर उसने भास्कर और गुप्ता के साथ मिलकर उसे ऋषिकेश की चीला नहर में धक्का दे दिया था जिसमें डूबने से उसकी मौत हो गयी.

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अंकिता की हत्या करने वाला पुलकित भाजपा नेता का बेटा

नहर से अंकिता का शव मिलने के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया था. पुलकित तत्कालीन भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है जिन्हें मामला सामने आते ही पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था. मामले के प्रकाश में आने के बाद स्थानीय लोगों का आक्रोश उमड़ पड़ा था.

बाद में राज्य सरकार को उसकी जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करना पड़ा. मामले की सुनवाई दो साल और आठ महीने चली और इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचना अधिकारी सहित 47 गवाह पेश किए गए. 

स्पेशल सर्विस वाले वीआईपी का नाम नहीं आया सामने

अंकिता भंडारी मर्डर केस में आज भले ही कोर्ट का फैसला आ गया हो लेकिन यह बात अभी तक सामने नहीं आई कि रिसॉर्ट में वो कौन वीआईपी आते थे, जिनकी स्पेशल सर्विस के लिए अंकिता की हत्या की गई. एसआईटी की जांच के बाद भी यह बात सामने नहीं आई.  

अंकित भंडारी हत्याकांड में कब-कब क्या-क्या हुआ

  • 18 सितंबर: 19 वर्षीय अंकिता भंडारी, यमकेश्वर (पौड़ी गढ़वाल) स्थित वनंत्रा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं, अचानक लापता हो गईं.
  • 19 सितम्बर: अंकिता के पिता ने पौड़ी जिला प्रशासन को सूचना दी. शिकायत न लिखने के कारण उन्होंने यमकेश्वर जाने का फैसला किया
  • 20 सितम्बर: पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी के गुम होने की सूचना दी.
  • 22 सितंबर: परिवार की शिकायतों के बावजूद राजस्व पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं करने का आरोप. जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला सिविल पुलिस को सौंपा गया.
  • 23 सितंबर: मुख्य आरोपी पुलकित आर्य (रिज़ॉर्ट मालिक), सौरभ भास्कर (मैनेजर) और अंकित गुप्ता (सहायक मैनेजर) को गिरफ्तार किया गया.
  • 24 सितंबर: अंकिता का शव ऋषिकेश के पास चीला नहर से बरामद हुआ.
  • 25 सितंबर: अंतिम संस्कार के दौरान परिवार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग की और जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठाए.
  • दिसंबर: एसआईटी ने 2000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 97 गवाहों के बयान और 30 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य शामिल थे 47 गवाहों ने बयान दिए.

अंकिता भंडारी मर्डर केस में 2023 में क्या कुछ हुआ.

  • मार्च: कोटद्वार सत्र न्यायालय ने पुलकित आर्य पर हत्या, छेड़छाड़ और अनैतिक तस्करी के आरोप तय किए. अन्य दो आरोपियों पर हत्या और साक्ष्य छुपाने के आरोप लगे.
  • जुलाई: अंकिता के पिता की मांग पर विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र रावत को मामले से हटा दिया गया, क्योंकि उन पर केस को कमजोर करने का आरोप था.
  • दिसंबर: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य की जमानत याचिका खारिज की, यह मानते हुए कि अपराध पूर्व नियोजित था और आरोपियों की पहचान गवाहों द्वारा की गई है.

अंकिता भंडारी मर्डर केस में 2024 में क्या कुछ हुआ.

  • जनवरी: कोटद्वार की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने पुलकित आर्य के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति दी. लेकिन पुलकित के पक्ष ने इस पर आपत्ति लगाई
  • मार्च: पौड़ी निवासी अशुतोष नेगी, जो मामले में अंकिता के परिवार की मदद कर रहे थे, को एससी/एसटी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया. विपक्ष ने इसे "सत्य को दबाने का प्रयास" बताया.
  • सितंबर: पुलकित आर्य की ₹3 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई, जो अवैध गतिविधियों से अर्जित मानी गई.
  • अंकिता भंडारी मर्डर केस में 2025 में फैसला आया, कोटद्वार अपर जिला सत्र न्यायालय में तीनों आरोपियों की सुनवाई पूरी हुई कोर्ट ने 30 मई के लिए फैसला सुरक्षित रखा.
  • 30 मई को पुलकित आर्य सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता दोष सिद्ध हुए और कोर्ट ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई..

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