आंध्र प्रदेश में बड़ा हादसा हुआ है, यहां कासीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में एकादशी के मौके पर काफी भीड़ जमा हुई थी, इसी दौरान अचानक भगदड़ मच गई और कई लोग इसमें दब गए. इस हादसे में कई श्रद्धालुओं की मौत की आशंका भी जताई जा रही है. फिलहाल लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया जा रहा है. ये पहली बार नहीं है, जब किसी मंदिर में ऐसा हुआ हो, इससे पहले भी कई लोगों की ऐसी दर्दनाक घटनाओं में मौत हो चुकी है. ऐसे में आज ऐसे ही उन तमाम हादसों का जिक्र करते हैं, जब किसी धार्मिक आयोजन या स्थल पर हजारों लोग एक साथ जुटे थे और भगदड़ होने के चलते कई लोगों की जान चली गई.
27 जुलाई 2025: हरिद्वार मनसा देवी मंदिर में 27 जुलाई 2025 को भयंकर भीड़ जमा होने के बाद भगदड़ मची, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हो गए. किसी ने करंट फैलने की अफवाह फैलाई थी, जिसके चलते ये हादसा हुआ.
3 मई, 2025: गोवा के शिरगांव गांव में श्री लाईराई देवी मंदिर के वार्षिक उत्सव के दौरान अचानक भगदड़ मच गई, इस हादसे में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और करीब 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
29 जनवरी, 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान देर रात धक्का मुक्की शुरू हुई और भगदड़ मच गई. इस दौरान नीचे सोए लोगों को भीड़ ने कुचल दिया. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए. हालांकि बाकी रिपोर्ट्स में आंकड़े काफी ज्यादा बताए गए.
8 जनवरी, 2025: तिरुमाला हिल्स में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में 'वैकुंठ द्वार दर्शनम' के टिकटों के लिए हजारों भक्त पहुंच गए, यहां भीड़ ज्यादा होने के चलते भगदड़ मच गई और 6 लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग घायल हो गए.
2 जुलाई, 2024: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के एक सत्संग में प्रसाद लेने के चलते लोगों की भीड़ एक दूसरे पर चढने लगी, इस भयानक भगदड़ के मामले में महिलाओं और बच्चों सहित 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
बंधक बनाने वाले से ही प्यार करने लगते हैं लोग, जानें क्या होता है स्टॉकहोम सिंड्रोम
31 मार्च, 2023: इंदौर के एक मंदिर में रामनवमी के मौके पर एक हवन का आयोजन किया गया था, इस दौरान भारी भीड़ जुटी थी और एक प्राचीन बावड़ी (कुएं) के ऊपर बना स्लैब नीचे गिर गया. इस हादसे में करीब 36 लोगों की मौत हो गई.
1 जनवरी, 2022: जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ हुई थी, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हुए.
14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश के राजामंड्री शहर में गोदावरी नदी के किनारे 'पुष्करम' उत्सव के दौरान भारी भीड़ जुट गई और भगदड़ में 27 श्रद्धालुओं की मौत हो गई.
13 अक्टूबर, 2013: मध्य प्रदेश के दतिया में रतनगढ़ मंदिर के पास हजारों लोग एक साथ जुट गए, जिसके बाद एक अफवाह के चलते भगदड़ मच गई. नवरात्रि उत्सव के मौके पर हुई इस भगदड़ में 115 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हो गए.
8 नवंबर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी में स्नान के दौरान प्रसिद्ध हर-की-पौड़ी घाट पर अचानक भगदड़ हुई और इसमें 20 लोगों की मौत हो गई.
14 जनवरी, 2011: केरल के इडुक्की जिले में कई तीर्थयात्री जुटे थे, तभी अचानक एक कार भीड़ में घुस गई, जिसके चलते भगदड़ मची और सबरीमाला के 104 भक्तों की मौत हो गई.
4 मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में राम जानकी मंदिर में मुफ्त भोजन और कपड़ों को लेकर भगदड़ हुई, जिसमें 63 लोगों की मौत हो गई.
30 सितंबर, 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में अचानक बम फटने की अफवाह फैल गई, इस दौरान यहां सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे. इस भगदड़ में करीब 250 श्रद्धालुओं की मौत हो गई.
3 अगस्त, 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में नैना देवी मंदिर में भी एक अफवाह फैली, जिसने 162 लोगों की जान ले ली. कुछ लोगों ने अचानक चट्टान खिसकने की अफवाह फैला दी, जिससे भगदड़ मच गई.
25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सतारा में मंधारदेवी मंदिर में नारियल फोड़ने के चक्कर में लोग सीढियों से फिसलने लगे, जिसके चलते भगदड़ मच गई और 340 लोगों की मौत हो गई.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं