भगोड़ा अमृतपाल सिंह अकाल तख़्त में करना चाहता था सरेंडर, लेकिन...

अमृतपाल अकाल तख़्त में सरेंडर करना चाहता था, लेकिन पंजाब पुलिस ने होशियारपुर में घेर लिया था फिर अमृतपाल गाड़ी छोड़ कर भाग गया था.  

होशियारपुर:

खालिस्‍तानी समर्थक अमृतपाल सिंह सरेंडर कर सकता है. पंजाब पुलिस ने ऐसी आशंका जताई है. पूर्वी दिल्ली के रमेश पार्क इलाके में 'वारिश पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह देखा गया था. उसका एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें वो बिना पगड़ी के चश्मा पहने चल रहा है,  जबकि उसका साथी पप्‍पलप्रीत उसके पीछे चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल, रमेश पार्क इलाके में 21 मार्च को एक महिला के यहां रुका था,जो पप्‍पलप्रीत की जानकार है और दोनों की मुलाकात किसान आंदोलन के दौरान हुई थी. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्र ने बताया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह अकाल तख़्त में सरेंडर करना चाहता था, लेकिन पंजाब पुलिस ने होशियारपुर में घेर लिया था फिर अमृतपाल गाड़ी छोड़ कर भाग गया था.  

अमृतपाल ने फरारी के दौरान अपने कुछ कांटेक्ट के जरिये हाल में ही उत्तराखंड में कुछ धार्मिक समुदाय के लोगो से शरण  देने की गुहार की थी, लेकिन उन्होंने उसकी गुहार को ठुकरा दिया. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्र बताते है कि अमृतपाल जुगत में है की पंजाब में किसी बड़े धार्मिक स्थान में सरेंडर कर दे. एजेंसियों के मुताबिक, ये अमृतपाल का विक्टिम कार्ड है, लेकिन पंजाब पुलिस उसे पहले ही उसे गिरफ्तार करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है और अमृतपाल के बेहद करीब है.

सुरक्षा एजेंसियों के सूत्र के मुताबिक, पंजाब अमृतपाल सिंह, पंजाब में सरेंडर करने के लिए वापस आ गया है. अमृतपाल, होशियारपुर के अमृतसर ट्रौग गांव जा रहा था. ये सूचना पंजाब पुलिस को मिली थी. पंजाब पुलिस ने होशियारपुर (पंजाब) में तलाशी अभियान शुरू किया. इस दौरान अमृतपाल अपनी कार होशियारपुर के मरैयां गांव के गुरुद्वारे में छोड़कर खेतों के रास्‍ते भाग गया. पुलिस ने इनोवा कार नंबर PB10 CK 0527 बरामद की है. आसपास के गांवों में तलाशी अभियान जारी है. अमृतपाल एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी को इंटरव्यू देने की योजना बना रहा था. 

अमृतपाल और उसके सहयोगियों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई की मांग को लेकर अमृतसर के निकट अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था. इस घटना के करीब तीन सप्ताह बाद 18 मार्च को पुलिस ने उसके और उसके खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे' संगठन के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. अमृतपाल उसके बाद से ही फरार है. वह 18 मार्च को जालंधर जिले से भाग निकला था. अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमले और लोकसेवकों के कर्तव्य निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक आरोपों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं.

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