इस लोकसभा चुनाव में खास बात यह हुई है कि पंजाब से खालिस्तान समर्थक दो लोग संसद में पहुंचे हैं. इनमें से एक है सरबजीत सिंह खालसा,उसने फरीदकोट सीट से जीत दर्ज की है.सरबजीत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दोषी बेअंत सिंह का बेटा है.दूसरा है खडूर साहिब सीट से जीतने वाला खालिस्तानी समर्थक 'वारिस पंजाब दे'का अमृतपाल सिंह. अमृतपाल इन दिनों असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है.जेल में अमृतपाल के साथ उसका करीबी भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके भी बंद है.दोस्त के सांसद बनने के बाद प्रधानमंत्री बाजेके के भी नेता बनने की हसरतें जवान होने लगी हैं.
कहां से चुनाव लड़ना चाहता है प्रधानमंत्री बाजेके
प्रधानमंत्री बाजेके के बेटे आकाशदीप सिंह ने इंस्टाग्राम पर अपलोड किए गए एक वीडियो में अपने पिता के इरादों की जानकारी दी है.प्रधानमंत्री बाजेके की नजर पंजाब की गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट पर है. यह सीट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के इस्तीफे से खाली हुई है.वडिंग लुधियाना से सांसद चुने गए हैं.अपनी खाली की हुई सीट पर वडिंग की योजना अपनी पत्नी अमृता वड़िंग को चुनाव लड़ाने की है.
भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके अगर गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ता है, तो यह उसके राजनीतिक करियर की शुरुआत होगी. इसके लिए वह काफी समय से कोशिशें कर रहा है. वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहा. उसने मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन की जमकर समर्थन किया.उसने किसान आंदोलन के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करता था.
अमृतपाल की जीत
'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था.उस पर राजद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं.अमृतपाल पर 16 मामले दर्ज हैं.गिरफ्तारी के बाद से उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है. अमृतपाल ने पंजाब में 'पंथक सीट'मानी जानी वाली खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर करीब दो लाख वोट के बड़े अंतर से जीत दर्ज की है.खडूर साहिब का सिखों के लिए विशेष महत्व है.सिख धर्म के दस गुरुओं में से आठ का संबंध यहां से रहा है.अमृतपाल इसी इलाके के एक गांव एक गांव जल्लूपुर खेड़ा का रहने वाला है.अमृतपाल को सिमरनजीत सिंह मान की शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर)ने समर्थन किया था.उसके चुनाव प्रचार का जिम्मा भी इसी दल ने संभाला था.
कब गिरफ्तार हुआ था प्रधानमंत्री बाजेके
वहीं प्रधानमंत्री बाजेके को 18 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था. पुलिस बाजेके के पीछे पड़ी थी. इस दौरान उसने एक फेसबुक लाइव किया. इसके आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. बाद में उसे अमृतसर पुलिस को सौंप दिया गया. वहां से उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया था.बाजेके पंजाब के मोगा के धर्मकोट गांव का निवासी है. साल 2020 में दिए एक इंटरव्यू में बाजेके ने बताया था कि वह सोशल मीडिया पर पॉपुलर होने के लिए अपने नाम में प्रधानमंत्री शब्द का इस्तेमाल करता है. उसने सोशल मीडिया पर अपने पेज का नाम प्रधानमंत्री रखा है.फेसबुक उसके पर करीब पांच हजार फॉलोअर्स हैं.बाजेके के खिलाफ कुल आठ मामले दर्ज हैं.बाजेके के खिलाफ सरेआम हथियार लहराने का केस दर्ज है, हालांकि उसके पास कोई लाइसेंसी हथियार नहीं था.करीब चार एकड़ जमीन का मालिक भगवंत सिंह केवल 8वीं पास है.
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