केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को महानगर में एक बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं, जिससे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के वास्ते पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रचार अभियान के लिए एक माहौल तैयार होगा. एस्प्लेनेड में 29 नवंबर को होने वाली रैली की तैयारियां जोरों पर हैं. उम्मीद है कि शाह इस रैली में भाजपा की राज्य में चुनावी रणनीति को एक दिशा देंगे. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ''अमित शाह जी रैली को संबोधित करेंगे. उम्मीद है कि वह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में माहौल तैयार करेंगे. अप्रैल में एक रैली के दौरान उन्होंने हमारे लिए राज्य से 35 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था.''
भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 लोकभा सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी. रैली के तैयारी कार्यक्रमों के दौरान मजूमदार ने इस बात पर जोर दिया कि यह रैली 2011 के बाद से तृणमूल नेताओं और मंत्रियों के बढ़ते भ्रष्टाचार, घोटालों में उनकी संलिप्तता और भ्रष्टाचार के मामलों में सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं और मंत्रियों की गिरफ्तारी के खिलाफ लोगों की नाराजगी को प्रतिबिंबित करेगी.
रैली को बाधित करने के टीएमसी के प्रयासों के बावजूद भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उन अर्जियों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘29 नवंबर को शाह की रैली को रोकने की तृणमूल की चाल सफल नहीं हुई. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया.'' कार्यक्रम के लिए समर्थक एवं कार्यकर्ताओं का जुटना शुरू हो गया है.
भाजपा के सूत्रों ने बताया कि शाह बुधवार दोपहर शहर के हवाईअड्डे पर पहुंचेंगे, हेलीकॉप्टर से मैदान जाएंगे और फिर एक काफिले में रैली स्थल पर जाएंगे. शाह के उसी दिन यहां से प्रस्थान करने की उम्मीद है. राज्य प्रशासन ने शुरुआत में उसी स्थान पर भाजपा की रैली का विरोध किया था जहां तृणमूल हर साल 21 जुलाई 'शहीद' रैली आयोजित करती है. हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ और खंडपीठ, दोनों ने भाजपा के कार्यक्रम को अनुमति दे दी. टीएमसी नेता एवं मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, 'हम अमित शाह के दौरे से क्यों डरेंगे? क्या गब्बर सिंह (फिल्म शोले का एक किरदार) कोलकाता आ रहा है?''
हकीम ने रैली से पार्टी के गढ़ पर असर पड़ने की चिंताओं को खारिज किया और कहा कि 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के प्रचार अभियान से कोई ठोस परिणाम नहीं मिले थे. शाह का पश्चिम बंगाल का दौरा ऐसे समय हो रहा है जब पार्टी संसदीय चुनावों से पहले राज्य में अपनी संगठनात्मक मशीनरी को मजबूत करने पर जोर दे रही है.
भाजपा की प्रदेश इकाई को दलबदल के बाद अपने नेताओं को एकजुट रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, विशेष रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, पार्टी सांसद अर्जुन सिंह और छह विधायकों के टीएमसी में शामिल होने के बाद.वर्ष 2021 में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटों पर जीत हासिल करते हुए लगातार तीसरी राज्य में जीत हासिल की.
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