केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को सत्तारूढ़ भाजपा के अभियान का शंख फूंका. उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने जताया कि वह शाह के दौरे को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं, जबकि राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश नेतृत्व को 'निर्जीव, निराशाजनक और निकम्मा' तक कह दिया.
शाह के दौरे को लेकर कमलनाथ ने यहां बेहद संक्षिप्त प्रतिक्रिया में संवाददाताओं से कहा,‘‘शाह बड़ी खुशी से (मध्यप्रदेश) आएं. यह उनकी इच्छा है. चुनाव आने वाले हैं. चुनाव के मद्देनजर सब नेता आते-जाते रहते हैं.'' इस बीच, दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले शाह का मैदान में उतरना प्रमाणित करता है कि पिछले 20 साल के दौरान भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने कितनी अक्षमता से राज्य का नेतृत्व किया है.
दिसम्बर 1993 से दिसम्बर 2003 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे सिंह ने कहा,‘‘भाजपा का प्रदेश इतना नेतृत्व निर्जीव, निराशाजनक और निकम्मा है कि (अगले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर) शाह को राज्य में आना पड़ रहा है.'' शाह ने यहां भाजपा के ‘‘विजय संकल्प सम्मेलन'' के दौरान विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को सत्तारूढ़ भाजपा के अभियान का शंख फूंका और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे रिकॉर्ड बहुमत की सरकार बनाने को मैदान में उतर जाएं.
केंद्रीय गृह मंत्री ने सम्मेलन में अपने भाषण में 'श्रीमान बंटाधार' और 'करप्शन नाथ' जैसे संबोधनों का बार-बार इस्तेमाल करके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के चुनाव प्रचार की रणनीति की स्पष्ट झलक भी पेश की. भाजपा ने राज्य में 2003 के विधानसभा चुनाव के दौरान उमा भारती की अगुवाई वाले प्रचार अभियान में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ ‘‘श्रीमान बंटाधार'' शब्द का इस्तेमाल किया था, जबकि पिछले महीने अज्ञात लोगों द्वारा लगाए गए पोस्टरों पर कमलनाथ की तस्वीर के साथ ‘‘करप्शन नाथ'' के संबोधन का उपयोग किया गया था.
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