केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को मणिपुर में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और वादा किया कि समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाएगा.
शाह ने कामरूप जिले के चांगसारी क्षेत्र में स्थापित होने वाले राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के दसवें राष्ट्रीय परिसर का शिलान्यास करते हुए कहा कि विवाद के समाधान में मदद के लिये वह पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करेंगे.
उन्होंने कहा, “मैं जल्द ही मणिपुर जाऊंगा और वहां तीन दिन रहूंगा, लेकिन उससे पहले दोनों गुटों को आपस में अविश्वास और संदेह दूर करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में शांति बहाल हो.”
शाह ने कहा कि केंद्र यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य में हुई झड़पों में पीड़ित सभी लोगों को न्याय मिले, लेकिन “लोगों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करनी चाहिए.”
यहां एनएफएसयू परिसर की स्थापना का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इससे इन पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण सभी छात्रों के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे.
उन्होंने कहा, “केंद्र छह साल से अधिक कारावास की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा घटनास्थल का दौरा अनिवार्य करने के लिए कानूनी बदलाव लाने की योजना बना रहा है.”
एनएफएसयू परिसर का पहला चरण 2026 तक और दूसरा 2030 तक पूरा होने की उम्मीद थी, जबकि इस साल गौहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) में अस्थायी परिसर में कक्षाएं शुरू हो जाएंगी.
शाह ने सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) के साथ संयुक्त रूप से विकसित असम पुलिस के ‘सेवा सेतु' नामक एक वेब पोर्टल की भी शुरुआत की. यह लोगों को किसी भी पुलिस थाने में जाए बिना प्राथमिकी दर्ज करने, गुमशुदगी की शिकायत करने के साथ-साथ किरायेदार, पेइंग गेस्ट और घरेलू सहायक के सत्यापन के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने में सक्षम करेगा.
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