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This Article is From Mar 14, 2024

राहुल गांधी सार्वजनिक रूप से बताएं CAA के विरोध की वजह: अमित शाह

CAA पर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah On CAA) ने कहा, "नियम अब सिर्फ औपचारिकता हैं. अब समय, राजनीतिक फायदा और नुकसान का कोई सवाल ही नहीं है."

सीएए पर राहुल गांधी से अमित शाह का सवाल.

नई दिल्ली:

नागरिकता कानून यानी कि CAA जब से लागू हुआ है, विपक्ष लगातार इस पर सवाल उठा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah On CAA) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी की सीएए को लेकर आलोचना को दरकिनार कर दिया. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से सार्वजनिक मंच पर आकर इस मुद्दे पर अपनी पार्टी का पक्ष रखने को कहा. 

ये भी पढ़ें-"कभी वापस नहीं होगा CAA", अमित शाह ने दिया हर सवाल का जवाब, पढ़ें इंटरव्यू की बड़ी बातें

"राहुल गांधी CAA पर विरोध का कारण बताएं"

अमित शाह ने कहा, "मैं आपसे अपील करता हूं कि इस मुद्दे पर विस्तार से राहुल गांधी का इंटरव्यू लें और आम जनता को सीएए का विरोध करने का उनका कारण बताएं. राजनीति में, अपने फैसलों को उचित ठहराना आपकी जिम्मेदारी है. अगर सीएए मेरी सरकार का फैसला है, तो मुझे मेरी पार्टी की स्थिति के बारे में बताना होगा. सरकार का फैसला देश के पक्ष में क्यों है, इसे बताना होगा. इसी तरह, राहुल गांधी को भी कानून पर अपने विरोध के बारे में बताना चाहिए.''

इससे पहले कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों के प्रचार के समय पर सवाल उठाया था. उन्होंने इसे विवादास्पद कानून करार देते हुए कहा कि नागरिकता कभी भी धर्म पर आधारित नहीं होती, यह संविधान के खिलाफ है. इसके जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष सिर्फ झूठ की राजनीति कर रहा है,  क्योंकि सीएए 2019 के लोकसभा चुनावों के बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा था और 2019 में ही संसद में पेश किया गया था. 

"विपक्ष कर रहा झूठ की राजनीति"

अमित शाह ने कहा, "राहुल गांधी, ममता या केजरीवाल समेत सभी विपक्षी दल 'झूठ की राजनीति' में लिप्त हैं, इसलिए समय का सवाल ही नहीं उठता. बीजेपी ने अपने 2019 के घोषणापत्र में साफ कर दिया था कि वह सीएए लाएगी और शरणार्थियों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से) को भारत की नागरिकता देगी. यह बीजेपी का एक स्पष्ट एजेंडा है और उसी वादे के तहत, नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 में संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया था. कोरोना की वजह से इसे लागू करने में देरी हुई. बीजेपी ने चुनाव में जनादेश मिलने से काफी पहले ही अपना एजेंडा साफ कर दिया था."

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "नियम अब सिर्फ औपचारिकता हैं. अब टाइम, राजनीतिक फायदा और नुकसान का कोई सवाल ही नहीं है. विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति करके अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. मैं उनसे अपील करना चाहता हूं कि वे अब बेनकाब हो चुके हैं. सीएए कानून पूरे देश के लिए है, ये मैने चार सालों में करीब 41 बार बताया है यह सच बनने वाला है."

"CAA पर राजनीतिक फायदे का तो सवाल ही नहीं"

गृह मंत्री ने कहा कि ''राजनीतिक फायदे का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि बीजेपी का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले सताए हुए अल्पसंख्यकों को अधिकार और न्याय देना है.''  अमित शाह ने कहा कि विपक्ष ने तो सर्जिकल स्ट्राइक और अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर भी सवाल उठाए थे और इसे राजनीतिक लाभ से जोड़ा था, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाने चाहिए? हम 1950 से कह रहे थे कि हम अनुच्छेद 370 वापस लेंगे."  गृह मंत्रालय ने 11 मार्च 2024 को सीएए नियम अधिसूचित किए, जिससे पुनर्वास और नागरिकता में कानूनी बाधाएं दूर हो जाएंगी और दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को एक सम्मानजनक जीवन मिलेगा.

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