अमित शाह के 'शाही' हमले का कांग्रेस ने सुखविंदर सुक्खू को CM बनाकर दिया जवाब

हिमाचल परिणाम 2022: "आपका नंबर नहीं आएगा", अमित शाह ने पिछले महीने एक रैली में सुखविंदर सुक्खू के बारे में टिप्पणी की थी.

शिमला/नादौन/नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में सुखविंदर सिंह सुक्खू को चुनकर, कांग्रेस ने एक संदेश दिया है कि जमीनी स्तर के काम को 'रॉयल्टी' और राजनीतिक वंश से अधिक महत्व दिया जा सकता है. यह तब भी हुआ है जब भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने प्रचार के दौरान कटाक्ष किया था कि सुक्खू को सीएम पद नहीं मिलेगा, क्योंकि वह किसी बड़े नेता के बेटा नहीं हैं.

हमीरपुर जिले के एक बस चालक के बेटे, 58 वर्षीय सुक्ख ने एक बार शिमला में दूध भी बेचा था. उन्होंने शिमला के पास संजौली के एक कॉलेज में एक छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था. 1990 के दशक में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कैंपस के चुनावों में जीतकर वो कई पदों पर रहे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने गांधी परिवार और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को धन्यवाद देते हुए ट्वीट किया, "गर्व की बात है कि एक साधारण परिवार का बेटा हमारा मुख्यमंत्री होगा, हमारे नेतृत्व को धन्यवाद."

सीएम की रेस में सुक्खू की मुख्य प्रतिद्वंद्वी प्रतिभा सिंह थीं, जो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. उन्हें अपने दिवंगत पति, पूर्व शाही और छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विरासत में दी हुई राजनीति मिली है. वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह को सुक्खू कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने की संभावना है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने नादौन में एक रैली में सुक्खू के बारे में टिप्पणी की थी, कि "आपका नंबर नहीं आएगा". उन्होंने साथ ही कहा था, "लोकतंत्र में राजाओं और रानियों के लिए कोई जगह नहीं है. लोकतंत्र में, आपको लोगों के लिए काम करने की ज़रूरत है." उन्होंने रेखांकित किया था कि कैसे भाजपा के जयराम ठाकुर की कोई राजनीतिक पारिवारिक विरासत नहीं है.

कांग्रेस ने प्रदेश में 68 में से 40 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ताधारी भाजपा को हरा दिया. सुक्खू ने चौथी बार विधानसभा का चुनाव जीता.

सुक्खू के खिलाफ, प्रतिभा सिंह ने "राजा" वीरभद्र सिंह की विरासत का हवाला देते हुए सीएम पद के लिए एक भूमिका बनाई थी, लेकिन सुक्खू के पास नंबर थे और उनकी जमीनी छवि ने उन्हें आगे बढ़ाया.

मुख्यमंत्री पद के लिए एक अन्य प्रतिद्वंद्वी, मुकेश अग्निहोत्री ने भी वीरभद्र सिंह की छत्रछाया में राजनीति शुरू की थी. वे उपमुख्यमंत्री होंगे.

सुखविंदर सुक्खू टीम राहुल के शुरुआती सदस्यों में शामिल हैं. वह राजनीतिक मानकों से भी युवा हैं. 58 साल के सुक्खू 66 साल की प्रतिभा सिंह से लगभग एक दशक छोटे हैं.

राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' का एक प्रमुख विषय, कांग्रेस के जमीनी स्तर पर काम करने पर शाही उत्तराधिकारियों के बीच कार्यकर्ता में से नेता का चयन, पार्टी को पुनर्जीवित संदेश देने के फैसले के रूप में अच्छी तरह से बैठता है. इसके अलावा, जब राहुल गांधी ने अपनी यात्रा पर डटे रहने का फैसला किया तो प्रियंका गांधी ने भी 10 रैलियां कर अपनी भूमिका निभाई.

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राष्ट्रीय स्तर पर भी एक गैर-गांधी और 'माटी का बेटा' मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी प्रमुख बने, हालांकि गांधी 'हाईकमान' बने रहे.