अमेरिकी लड़की ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची, केस दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर सुलझी गुत्थी

पूछताछ में लड़की ने बताया कि उसने अपने माता पिता को इमोशनल तौर पर ब्लैकमेल करने के लिए खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची थी और उसका वीजा 6 जून 2022 को खत्म हो गया था.

अमेरिकी लड़की ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची, केस दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर सुलझी गुत्थी

प्रतीकात्मक

नई दिल्ली :

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने 24 घंटे के अंदर एक अमेरिकी लड़की (American Girl) के अपहरण के सनसनीखेज मामले को सुलझा लिया है. पुलिस के मुताबिक लड़की के अपने घरवालों को ब्लैकमेल करने के लिए खुद के अपहरण की कहानी रची थी. डीसीपी अमृथा गुगलोथ के मुताबिक अमेरिकी दूतावास ने सूचित किया कि अमेरिका की रहने वाली एक लड़की क्लो रेनी मैकलॉघलिन 3 मई 2022 को दिल्ली पहुंची थी. उसके साथ ही एक अज्ञात शख्स ने मारपीट की और उसकी पिटाई की. लड़की अमेरिका में अपने परिवार को घटना की जानकारी देने के बाद से गायब है. पीड़िता ने 9 जुलाई को अमेरिकी सिटीजन सर्विस को ईमेल कर बताया कि वह एक असुरक्षित माहौल में है जहां उसे शारीरिक और भावनात्मक शोषण का सामना करना पड़ा है.

इसके बाद 10 जुलाई को पीड़िता ने अपनी मां सैंड्रा मैकलॉघलिन से व्हॉट्सएप पर वीडियो कॉल के जरिए बात की. पीड़िता की मां ने उसके बारे में कुछ और जानकारी जुटाने की कोशिश की, लेकिन उसी समय एक अज्ञात शख्स कमरे में आया और वह ज्यादा कुछ नहीं बता सकी. अमेरिकी दूतावास ने यह अनुमान लगाते हुए अपनी चिंता जताई कि पीड़िता को उसके परिवार और दूतावास से संपर्क करने से रोका जा रहा है. पुलिस ने सूचना मिलते ही चाणक्यपुरी थाने में 15 जुलाई को अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू की.

लड़की के वर्तमान ठिकाने का पता लगाने के लिए 9 जुलाई को अमेरिकी नागरिक सेवाओं को ईमेल भेजने के लिए लड़की द्वारा इस्तेमाल आईपी एड्रेस लेने लिए याहू डॉट कॉम से सहायता मांगी गई. इसके अलावा ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन से कहा गया कि वो लड़की का पता लगाने के लिए उसका इमिग्रेशन फॉर्म मुहैया कराए. इमिग्रेशन फॉर्म के अनुसार लड़की ने अपना रहने का पता खसरा नंबर 44 और 45 ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश दिया था.

पुलिस टीम जब उस पते पर पहुंची तो वो पता रेडिसन ब्लू होटल ग्रेटर नोएडा का निकला. होटल में पूछताछ की गई तो पता चला कि ऐसी किसी लड़की ने होटल में चेक-इन नहीं किया था. पीड़िता ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल करते वक्त किसी के वाई-फाई डेटा का इस्तेमाल किया था. इस नंबर की जांच की गई और पुलिस टीम ने गुरुग्राम से 31 साल के एक नाइजीरियाई नागरिक ओकोरोफोर चिबुइके ओकोरो उर्फ ​​रेची को पकड़ा, जिसके मोबाइल का आईपी पता लड़की ने अपनी मां को व्हाट्सएप कॉल करते समय इस्तेमाल किया था. 

पूछताछ करने पर उसने बताया कि लड़की ग्रेटर नोएडा की इम्पेरिया रेजीडेंसी में रहती है. लड़की को रिहा कराने के बाद जब उससे पूछताछ हुई तो उसने बताया कि उसने माता पिता को इमोशनल तौर पर ब्लैकमेल करने के लिए खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची थी और उसका वीजा 6 जून 2022 को खत्म हो गया था. पीड़िता ने फेसबुक के जरिये ओकोरोफोर चिबुइके ओकोरो से दोस्ती की थी और भारत आने के बाद वह उसके साथ रह रही थी. साथ ही पाया गया कि ओकोरोफोर चिबुइके ओकोरो का पासपोर्ट समाप्त हो गया है. इसलिए उसके खिलाफ वैध पासपोर्ट और वीजा के बिना भारत में अधिक समय तक रहने को लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. पीड़िता यूएसए विश्वविद्यालय से स्नातक है और वह वाशिंगटन डीसी में रहती है और उसके पिता यूएस आर्मी में अधिकारी रहे हैं. 

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