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This Article is From Jul 13, 2022

द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने के लिए उद्धव ठाकरे को 'मजबूर' किया है : यशवंत सिन्हा

उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को मजबूर किया गया है कि वो राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के समर्थन करे. यशवंत सिन्हा गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.

यशवंत सिन्हा ने गुवाहाटी में की प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली:

विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने उद्धव ठाकरे द्वारा एनडीएम उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को मजबूर किया गया है कि वो राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के समर्थन करे. यशवंत सिन्हा गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. बता दें कि कुछ दिन पहले ही उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया था कि राष्‍ट्रपति के लिए चुनाव में उनके नेतृत्‍व वाली शिवसेना, बीजेपी नीत एनडीए की प्रत्‍याशी द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) का समर्थन करेगी. शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट और बीजेपी के हाथों सत्ता गंवा चुके उद्धव ठाकरे ने कहा था उनकी छोटी सोच नहीं है और शिवसेना द्वारा एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन इसका संकेत देता है. राष्‍ट्रपति पद के लिए वोटिंग 18 जुलाई को होनी है. यह फैसला पार्टी के 22 सांसदों में से 16 सांसदों की उद्धव ठाकरे के साथ मीटिंग में किए गए अनुंरोध के एक दिन बाद सामने आया है. इन 16 सांसदों ने ठाकरे से आग्रह किया था कि राष्‍ट्रपति चुनाव में पार्टी को एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू को वोट करना चाहिए क्‍योंकि वे आदिवासी समुदाय की महिला हैं.

शिवसेना के 16 सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की मांग की, उद्धव ठाकरे 2 दिन में लेंगे फैसला

राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए NDA की प्रत्‍याशी द्रौपदी मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के उम्‍मीदवार यशवंत सिन्‍हा से है. एकनाथ शिंदे धड़े के टूटने और बीजेपी के समर्थन से सीएम के तौर पर उद्धव ठाकरे की जगह लेने के बाद से शिवसेना संकट का सामना कर रही है. महाराष्‍ट्र की जनसंख्‍या की करीब 10 फीसदी अनुसूचित जनजाति से है. 

गौरतलब है कि शिंदे गुट पिछले माह विद्रोह के दौरान यह लगातार मांग कर रहा था कि शिवसेना को कांग्रेस और राकांपा से संबंध खत्‍म करके अपने स्‍वाभाविक सहयोगी बीजेपी के साथ फिर से गठजोड़ करना चाहिए. उद्धव ठाकरे ने इससे इनकार कर दिया था और अधिकांश विधायकों के पाला बदलकर शिंदे के पक्ष में जाने के बाद सीएम पद से इस्‍तीफा दे दिया था.  उनके इस्‍तीफे के बाद एकनाथ शिंदे ने महाराष्‍ट्र के सीएम और बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने डिप्‍टी सीएम पद  की शपथ ली थी.  

शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने सोमवार को बताया था कि बैठक के दौरान शिवसेना के लोकसभा के 16 और राज्यसभा के दो सांसद मौजूद रहे थे. हालांकि बैठक में दो सांसद नहीं पहुंचे. भावना गवली और श्रीकांत शिंदे इस बैठक में मौजूद नहीं थे. उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री में आयोजित बैठक में राज्यसभा सांसद संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी व लोकसभा सांसद गजानन कीर्तिकर, विनायक राऊत, अरविंद सावंत, हेमंत गोडसे, धैर्यशील माने, श्रीरंग बरने, राहुल शेवाले, प्रतापराव जाधवी, सदाशिवराव लोखंडे, राजेंद्र गावित, राजन विचारे और ओमप्रकाश राजेनिंबालकर सहित अन्य सांसद भी पहुंचे थे.  बैठक में 16 सांसदों ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन को लेकर कहा था कि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी महिला हैं. इसलिए हमें उनके पक्ष में मतदान करना चाहिए. इसके पहले भी हम मराठी के मुद्दे पर प्रतिभा पाटिल का समर्थन कर चुके हैं.

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