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This Article is From Nov 26, 2020

'तिल का ताड़ बना' : अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू के साथ मुलाकात के बाद की अटकलों को किया खारिज

पंजाब कांग्रेस के इन दोनों दिग्‍गज नेताओं की इस मुलाकात के बाद इस ये चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू को राज्‍य की कैबिनेट में फिर से स्‍थान मिल सकता है. 

'तिल का ताड़ बना' : अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू के साथ मुलाकात के बाद की अटकलों को किया खारिज
कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा, हमने क्रिकेट के बारे में बातें कीं
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
दोनों नेताओं के बीच बुधवार को हुई थी लंच पर मुलाकात
अमरिंदर बोले-सिद्धू मिलना चाहते थे, मैंने कहा साथ लंच करते हैं
पंजाब के सीएम ने कहा, हमने क्रिकेट के बारे में बातचीत की
चंडीगढ़:

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने गुरुवार को उनकी क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के साथ लंच पर हुई भेंट (Lunch meeting)को लेकर शुरू हुई अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है. सियासी तौर पर एक ही पार्टी कांग्रेस में रहते हुए भी कैप्‍टन अमरिंदर और सिद्धू को एक-दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है. कैप्‍टन अमरिंदर ने गुरुवार को कहा, 'लोग कई बार तिल का ताड़ बना लेते हैं. नवजोत जी मुझसे मिलना चाहते थे तो मैंने कहा-जरूर, आइए साथ लंच करते हैं. मैं इस तरह से कई सहयोगियों को लंच पर बुलाता हूं जो मुझसे मिलना चाहते हैं. मैंने उन्‍हें इसी तरह आमंत्रित किया. वे आए, हम करीब एक घंटे तक साथ बैठे और ढेर सारी बातें की. हमने क्रिकेट के बारे में बातें कीं.'

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बुधवार को मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने ट्वीट किया था कि दोनों नेताओं ने अमरिंदर सिंह के आवास पर करीब एक घंटा साथ बिताया और विभिन्न मामलों पर विचार साझा किए. मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू ने मध्याह्न भोजन पर सौहार्दपूर्ण मुलाकात की, जिसमें पंजाब और राष्ट्रीय हितों के अहम राजनीतिक मामलों पर चर्चा की गई. दोनों नेताओं ने करीब एक घंटे तक साथ बिताए समय के दौरान अहम मामलों पर विचार साझा किए.'' पंजाब कांग्रेस के इन दोनों दिग्‍गज नेताओं की इस मुलाकात के बाद इस ये चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू को राज्‍य की कैबिनेट में फिर से स्‍थान मिल सकता है. 

अमरिंदर सिंह की 'कप्‍तानी' वाली पंजाब सरकार में सिद्धू मंत्री बनाए गए थे थे लेकिन उन्‍होंने पिछले साल पद छोड़ दिया था. मुख्यमंत्री अमरिंदर ने पिछले साल मई में सिद्धू पर स्थानीय सरकार विभाग को ‘‘सही तरीके से नहीं संभाल'' पाने का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि इसके कारण 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने शहरी इलाकों में ‘‘खराब प्रदर्शन'' किया. इसके बाद से दोनों नेताओं के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था. मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान सिद्धू से अहम विभाग ले लिए गए थे, जिसके बाद उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और वह कांग्रेस की सभी गतिविधियों से दूर हो गए थे. सीएम अमरिंदर सिंह का यह भी मानना था कि सिर्फ तीन साल पहले ही बीजेपी से कांग्रेस में आए नवजोत सिद्धू को अभी राज्‍य कांग्रेस अध्‍यक्ष पद नहीं दिया जा सकता. पंजाब के इन दोनों प्रमुख नेताओं के बीच इस 'कथित मतभेद' को पार्टी के लिए बड़ी अड़चन के रूप में देखा जा रहा है. खासतौर पर तब, जब पंजाब में विधानसभा चुनाव होने में केवल दो ही वर्ष शेष हैं. वैसे भी, देश में कांग्रेस शासित राज्‍यों की संख्‍या गिनीचुनी ही रह गई है. 

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