सरकार ने फैसला लिया है कि 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहनों को 1 अप्रैल से कबाड़ में तब्दील कर दिया जाएगा. इसमें केंद्र और राज्य सरकार के 15 साल से अधिक पुराने वाहन और परिवहन निगमों और सार्वजनिक उपक्रमों की बसें शामिल हैं. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारों के 15 साल से अधिक पुराने वाहन और परिवहन निगमों और सार्वजनिक उपक्रमों की पुरानी बसों का रजिस्ट्रेशन 1 अप्रैल से समाप्त कर उन्हें कबाड़ बना दिया जाएगा. इन सभी कारों को रजिस्टर्ड स्क्रैप सेंटर पर नष्ट कर दिया जाएगा.
हालांकि, यह नियम देश की रक्षा और कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के रखरखाव के लिये परिचालन उद्देश्यों को लेकर उपयोग किये जा रहे विशेष प्रयोजन वाले वाहनों (बख्तरबंद और अन्य विशेष वाहन) पर लागू नहीं होगा.
अधिसूचना के अनुसार, ‘‘ऐसे वाहनों का निपटान, गाड़ी के शुरुआती रजिस्ट्रेशन की तारीख से 15 वर्ष पूरे होने पर किया जाएगा. इसका निपटान मोटर वाहन (रजिस्ट्रेशन और वाहन कबाड़ सुविधा कार्य) नियम, 2021 के अनुसार स्थापित रजिस्ट्रेशन वाहन कबाड़ केंद्रों के जरिये सुनिश्चित किया जाना चाहिए.''
वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में घोषित नीति में व्यक्तिगत वाहनों के मामले में 20 साल बाद उसके दुरुस्त होने की जांच का प्रावधान किया गया. वहीं वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल बाद ‘फिटनेस' परीक्षण से गुजरना होगा.
1 अप्रैल, 2022 से लागू नीति के तहत केंद्र ने कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कबाड़ में बदले गये वाहनों की जगह अगर नई गाड़ी ली जाती है, उस पर ‘पथकर' में 25 प्रतिशत तक की छूट देंगे.
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