विज्ञापन

दिल्ली की समस्याओं का समाधान स्थाई सरकार ही कर सकती है, अस्थाई मुख्यमंत्री नहीं : अलका लांबा

कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा ने चुनाव में अपना पलड़ा भारी बताया. साथ ही उन्होंने 'आप' प्रत्याशी आतिशी को अस्थाई मुख्यमंत्री बताते हुए भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी पर भी निशाना साधा.

दिल्ली की समस्याओं का समाधान स्थाई सरकार ही कर सकती है, अस्थाई मुख्यमंत्री नहीं : अलका लांबा
नई दिल्ली:

 दिल्ली विधानसभा चुनाव में कालकाजी सीट का मुकाबला त्रिकोणीय है. एक ओर सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री आतिशी को यहां से प्रत्याशी बनाया है. भाजपा ने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस पार्टी ने अलका लांबा को इस विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है. इन तीनो हाई प्रोफाइल नेताओं की वजह से कालकाजी में मुकाबला पेचीदा हो गया है. कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए चुनाव में अपना पलड़ा भारी बताया. साथ ही उन्होंने 'आप' प्रत्याशी आतिशी को अस्थाई मुख्यमंत्री बताते हुए भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी पर भी निशाना साधा.

उन्होंने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि मेरा 30 साल का संघर्ष, मेरी ईमानदारी और काम, दिल्ली में जन्मी और पली-बढ़ी एक राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जनता के लिए किया गया कार्य लोगों के दिलों में जगह बनाएगा. मेरा लक्ष्य कालकाजी की जनता का विश्वास जीतना है, और उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान देना है."

उन्होंने कहा, "जो समस्याएं हैं, उनका हल अस्थायी नहीं, बल्कि स्थायी होना चाहिए. दिल्ली में प्रदूषण, यमुना का दूषित पानी, बढ़ते अपराध, महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याएं हैं, जिनका समाधान केवल एक स्थायी सरकार ही कर सकती है. कोई अस्थाई मुख्यमंत्री इसका समाधान नहीं कर सकता. मुख्यमंत्री की ओर से जो भी दावा किया जाता है, वह कालकाजी और बाकी विधानसभा क्षेत्रों के लिए असंगत है. एक आदर्श विधानसभा का मॉडल कालकाजी को बनना चाहिए था, लेकिन यहां की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. सड़कें खुदी पड़ी हैं, पार्किंग की समस्या, जाम की समस्या और गंदगी की स्थिति अब भी जस की तस है. इसका दोष भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों पर है। दोनों ने सत्ता संभालने के बाद कालकाजी की जनता के साथ धोखा किया और उन्हें निराश किया."

आगे उन्होंने भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी पर निशाना साधते हुए कहा, "भाजपा के 10 साल सत्ता में रहने के बावजूद यहां के लोग दुखी हैं. अब ऐसे नेता कालकाजी में हैं, ज‍िनका व्यवहार और भाषा संसद में और सड़क पर पूरी तरह अस्वीकार्य है. उनका घटिया व्यवहार और बोलचाल उन्‍हें जनप्रत‍िन‍िध‍ि बनाने लायक नहीं है. यह समय है कि कालकाजी की जनता को एक ऐसा प्रतिनिधि मिले, जो उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान दे."

ये भी पढ़ें-: 

दिल्ली का दंगल: सत्ता की डगर... महिलाएं किधर, किसे मिलेगा आधी आबादी का साथ?

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com