नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड किए जाने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। समाजवादी पार्टी के नेता नरेंद्र भाटी ने 28 जुलाई को एक सभा में कहा कि आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति को उन्होंने ही सस्पेंड कराया था।
उन्होंने कहा, "मैंने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से रात 10.30 बजे बात की और रात 11.11 बजे उप जिलाधिकारी नागपाल के निलंबन का आदेश नोएडा के कलेक्टर के दफ्तर में आ गया।"
भाटी ने कहा, "यह है लोकतंत्र की ताकत। 41 मिनट के अंदर निलंबन का आदेश लखनऊ से छपकर नोएडा आ गया।"
नरेंद्र भाटी ने दुर्गा शक्ति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया। वे यह बताने से भी नहीं चूके कि कैसे उन्हें बड़े अधिकारियों ने फोन कर दुर्गा शक्ति के निलंबन की सूचना दी थी।
उधर, आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति को सस्पेंड करने के मामले में समाजवादी पार्टी ने अब सरकार से मांग की है कि नोएडा के डीएम को भी सस्पेंड किया जाना चाहिए।
समाजवादी पार्टी और उनकी सरकार दोनों का यह मानना है कि मस्जिद की दीवार मुसलमानों के द्वारा गिराए जाने की जो रिपोर्ट डीएम ने बनाई है, वह पूरी तरह से झूठी है। साथ ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अधिकारियों पर सरकार के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है।
नोएडा के डीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अतिक्रमण की खबर पर दुर्गा शक्ति को मौके पर भेजा गया था और वहां पर उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर मस्जिद बनाने की या तो इजाजत लें या फिर उसे तोड़ दें, जिससे स्थानीय लोगों ने खुद ही दीवार गिरा दी।
उधर, नोएडा की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को आईएएस अफसर संघ बड़ी गंभीरता से ले रहा है। उसे एहसास है कि ईमानदारी से काम करने वाली इस युवा अफसर के निलंबन का संदेश बहुत खराब जाएगा।
इसलिए करीब 20 आईएएस अफसर इस मुद्दे पर गुरुवार को कार्मिक मंत्री नारायणसामी से मिले और उन्होंने कहा कि इस मामले में जरूरत पड़ने पर केंद्र को दखल देना चाहिए।
उन्होंने कहा, "मैंने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से रात 10.30 बजे बात की और रात 11.11 बजे उप जिलाधिकारी नागपाल के निलंबन का आदेश नोएडा के कलेक्टर के दफ्तर में आ गया।"
भाटी ने कहा, "यह है लोकतंत्र की ताकत। 41 मिनट के अंदर निलंबन का आदेश लखनऊ से छपकर नोएडा आ गया।"
नरेंद्र भाटी ने दुर्गा शक्ति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया। वे यह बताने से भी नहीं चूके कि कैसे उन्हें बड़े अधिकारियों ने फोन कर दुर्गा शक्ति के निलंबन की सूचना दी थी।
उधर, आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति को सस्पेंड करने के मामले में समाजवादी पार्टी ने अब सरकार से मांग की है कि नोएडा के डीएम को भी सस्पेंड किया जाना चाहिए।
समाजवादी पार्टी और उनकी सरकार दोनों का यह मानना है कि मस्जिद की दीवार मुसलमानों के द्वारा गिराए जाने की जो रिपोर्ट डीएम ने बनाई है, वह पूरी तरह से झूठी है। साथ ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अधिकारियों पर सरकार के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है।
नोएडा के डीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अतिक्रमण की खबर पर दुर्गा शक्ति को मौके पर भेजा गया था और वहां पर उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर मस्जिद बनाने की या तो इजाजत लें या फिर उसे तोड़ दें, जिससे स्थानीय लोगों ने खुद ही दीवार गिरा दी।
उधर, नोएडा की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को आईएएस अफसर संघ बड़ी गंभीरता से ले रहा है। उसे एहसास है कि ईमानदारी से काम करने वाली इस युवा अफसर के निलंबन का संदेश बहुत खराब जाएगा।
इसलिए करीब 20 आईएएस अफसर इस मुद्दे पर गुरुवार को कार्मिक मंत्री नारायणसामी से मिले और उन्होंने कहा कि इस मामले में जरूरत पड़ने पर केंद्र को दखल देना चाहिए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
नरेंद्र भाटी, दुर्गा शक्ति नागपाल, अखिलेश यादव सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, रेत माफिया, रेत माफिया के खिलाफ अभियान, एसडीएम सस्पेंड, SDM, IAS Officer Durga Shakti Nagpal, Anti-sand Mafia Campaign In UP, Narendra Bhati