समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने लोकसभा में जमकर मोदी सरकार पर हमला बोला और अयोध्या में विपक्ष की जीत को देश के परिपक्व मतदाताओं की लोकतांत्रिक समझ की जीत बताया. इतना कहने की देर थी कि उनके बगल में बैठे अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद हाथ जोड़कर खड़े हो गए. हालांकि, अखिलेश यादव जिक्र अयोध्या और भगवान श्रीराम का कर रहे थे. सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भाजपा के उम्मीदवार को अयोध्या से हराया है.
अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या की जीत भारत के मतदाता के परिपक्वता की जीत है. इसके बाद अखिलेश ने कविता सुनाकर बीजेपी पर कटाक्ष किया.
उन्होंने कहा...
होई वही जो राम रचि राखा
यह है उसका फैसला
जिसकी लाठी में नहीं होती आवाज
जो करते से किसी को लाने का दावा
वो हैं खुद किसी के सहारे के लाचार
"होई वही जो राम रचि राखा..अयोध्या की जीत लोगों की लोकतांत्रिक समझ की जीत है" : अखिलेश यादव#Loksabha | #Rajyasabha | #President pic.twitter.com/avS4b0fwY5
— NDTV India (@ndtvindia) July 2, 2024
लोकसभा में अपने भाषण के दौरान अखिलेश यादव ने आगे कहा कि अयोध्या से लाए हैं, उनके प्रेम का पैगाम. अखिलेश के ऐसा कहते ही पास बैठे ही बैठे फैजाबाद के सांसद एसपी के सांसद अवधेश खड़े हो गए और उन्हें अखिलेश यादव प्रणाम करने लगे. हालांकि, अखिलेश की इस कविता का सार कुछ और था. अखिलेश यादव दरअसल अयोध्या और श्रीराम के बारे में कह रहे थे. लेकिन बगल में बैठे अवधेश प्रसाद का लगा कि अखिलेश उनका जिक्र करने जा रहे हैं.
गन्ना किसानों के भुगतान से लेकर पेपर लीक तक घेरा
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन के लिए जिम्मेदारी का संदेश देता है और यह परिणाम सांप्रदायिक राजनीति का अंत कर सामुदायिक राजनीति की शुरुआत करने वाला है. अखिलेश यादव ने गन्ना किसानों के भुगतान से लेकर पेपर लीक तक, मोदी सरकार को घेरा. अयोध्या की जीत का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हम तो बचपन से यही सुनते आए हैं- होइहीं सोई जो राम रची राखा. ये है उसका फैसला जिसकी लाठी में नहीं होती आवाज, जो करते थे उसको लाने का दावा, वो खुद किसी के सहारे के हैं लाचार. उन्होंने 'हम अयोध्या से लाए हैं उनके प्रेम का पैगाम...' कविता भी सुनाई.
हम मानते हैं कि संविधान ही संजीवनी है...
अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा, "चार जून (लोकसभा चुनावों के परिणाम वाला दिन) देश के लिए सांप्रदायिक राजनीतिक से आजादी का दिन था. सांप्रदायिक राजनीति का अंत हुआ और सामुदायिक राजनीति की शुरुआत हुई. इस चुनाव में सांप्रदायिक राजनीति की हमेशा के लिए हार हो गई. सकारात्मक राजनीति की जीत हुई है. हम मानते हैं कि संविधान ही संजीवनी है और उसकी जीत हुई है."
गंगाजल को लेकर तो झूठ नहीं बोला जाए
सपा सांसद ने कहा कि देश किसी की निजी महात्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आकांक्षा से चलेगा, और अब मनमर्जी नहीं, बल्कि ‘जनमर्जी' चलेगी. साथ ही अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों का आग्रह है कि कम से कम गंगाजल को लेकर तो झूठ नहीं बोला जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम खरबों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने सवाल किया, "क्या विकास का ढिंढोरा पीटने वाले इस विनाश की जिम्मेदारी लेंगे? हमने उत्तर प्रदेश में जो सड़क बनाई थी, उस पर हवाई जहाज उतरे थे, लेकिन अब प्रदेश के मुख्य शहरों की सड़कों पर नाव चल रही हैं."
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