मुख्खा के एनकाउंटर का विरोध करते लोग
चंडीगढ़:
मंगलवार शाम अमृतसर में एक अकाली नेता की पुलिस एनकाउंटर में मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। परिवार का दावा है कि जिस पुलिस वाले पर फायरिंग का आरोप लगाया जा रहा है वह मृतक को अच्छी तरह पहचानता था।
अपनी ही सरकार की पुलिस के खिलाफ अमृतसर में अकाली दल के कार्यकर्ताओं को हाईवे जाम करना पड़ा। गोलियों से छलनी मुखजीत सिंह उर्फ़ मुख्खा का शव उसकी कार में वल्लाह-वेरका बाई पास पर काफी देर तक पड़ा रहा। पुलिस का दावा है कि एक गैंगस्टर को पकड़ने गई टीम ने जब मृतक की कार रोकने की कोशिश की तो उसने अपनी रिवाल्वर से फायर कर दिया जिससे एक सिपाही जख्मी हो गया।
लेकिन परिवार की मानें तो ये सुनियोजित क़त्ल की वारदात है जिसे पुलिस ने सादे कपड़ों में अंजाम दिया है। अकाली दल नेता उपकार सिंह का कहना है कि गांव के ही कुछ लोगों के साथ मुख्खा की रंजिश थी। इन लोगों ने 25 मई को मुख्खा पर हमला किया था। बीच-बचाव करने वाले एक शक्स का कत्ल कर दिया गया। इस पूरे केस की पैरवी मुख्खा कर रहे थे, इसीलिए उन्हें साजिशन मरवा दिया गया।
मृतक के रिश्तेदार जसपाल सिंह का आरोप है कि जिस पुलिस वाले पर फायरिंग का आरोप लगाया जा रहा है वह मृतक को अच्छी तरह पहचानता था, वह गांव के पास पीसीआर ड्यूटी पर रहता था। उसने कैसे नहीं पहचाना।
आरोपी पुलिस वाले हैं और जांच भी महकमे के अफसर कर रहे हैं। पंजाब पुलिस ने पूरे मामले कि जांच के लिए एसआईटी बना दी है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी।
एसआईटी के प्रमुख नागेश्वर राव ने भरोसा दिया कि जांच शुरू हो गई है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई कि जाएगी।
मुख्खा का कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। पुलिस की इस दलील पर किसी को यकीन नहीं हो रहा कि उसने एक बिना नंबर प्लेट कि गाड़ी चला रहे शक्स को ड्रग तस्कर जसदीप सिंह उर्फ़ जग्गू समझ लिया और गफलत में मुख्खा का एनकाउंटर कर दिया।
अपनी ही सरकार की पुलिस के खिलाफ अमृतसर में अकाली दल के कार्यकर्ताओं को हाईवे जाम करना पड़ा। गोलियों से छलनी मुखजीत सिंह उर्फ़ मुख्खा का शव उसकी कार में वल्लाह-वेरका बाई पास पर काफी देर तक पड़ा रहा। पुलिस का दावा है कि एक गैंगस्टर को पकड़ने गई टीम ने जब मृतक की कार रोकने की कोशिश की तो उसने अपनी रिवाल्वर से फायर कर दिया जिससे एक सिपाही जख्मी हो गया।
लेकिन परिवार की मानें तो ये सुनियोजित क़त्ल की वारदात है जिसे पुलिस ने सादे कपड़ों में अंजाम दिया है। अकाली दल नेता उपकार सिंह का कहना है कि गांव के ही कुछ लोगों के साथ मुख्खा की रंजिश थी। इन लोगों ने 25 मई को मुख्खा पर हमला किया था। बीच-बचाव करने वाले एक शक्स का कत्ल कर दिया गया। इस पूरे केस की पैरवी मुख्खा कर रहे थे, इसीलिए उन्हें साजिशन मरवा दिया गया।
मृतक के रिश्तेदार जसपाल सिंह का आरोप है कि जिस पुलिस वाले पर फायरिंग का आरोप लगाया जा रहा है वह मृतक को अच्छी तरह पहचानता था, वह गांव के पास पीसीआर ड्यूटी पर रहता था। उसने कैसे नहीं पहचाना।
आरोपी पुलिस वाले हैं और जांच भी महकमे के अफसर कर रहे हैं। पंजाब पुलिस ने पूरे मामले कि जांच के लिए एसआईटी बना दी है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी।
एसआईटी के प्रमुख नागेश्वर राव ने भरोसा दिया कि जांच शुरू हो गई है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई कि जाएगी।
मुख्खा का कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। पुलिस की इस दलील पर किसी को यकीन नहीं हो रहा कि उसने एक बिना नंबर प्लेट कि गाड़ी चला रहे शक्स को ड्रग तस्कर जसदीप सिंह उर्फ़ जग्गू समझ लिया और गफलत में मुख्खा का एनकाउंटर कर दिया।
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